
अंबेडकर नगर। शुद्ध पेयजल का इंतजार कर रही 10 लाख की आबादी की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। जलजीवन मिशन के तहत 571 परियोजनाओं की तुलना में मात्र 12 परियोजनाएं ही पूर्ण हो सकीं जबकि 74 परियोजनाओं से बगैर ओवरहेड टैंक बने ही जलापूर्ति शुरू की गई है। सात परियोजना ऐसी हैं जिनके लिए भूमि तक नहीं मिल सकी है। जबकि मार्च 2024 में सभी परियोजनाओं को पूर्ण कर उनका संचालन शुरू करने का निर्देश है।
शहरी क्षेत्र की तरह ही ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जलजीवन मिशन योजना का संचालन शुरू हुआ। जिले में दो चरणों में 571 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई। प्रथम चरण में 62 जबकि दूसरे चरण में 509 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। कार्यदायी संस्था वेल स्पेन को 62 जबकि विंध्याटेली लिंक को 509 परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई। मार्च 2024 तक सभी परियोजनाओं का बेहतर ढंग से संचालन करने का निर्देश दिया गया।
तमाम निर्देश के बावजूद कार्यदायी संस्थाओं द्वारा समय पर परियोजना को पूर्ण करने को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई। अब तक मात्र 12 परियोजनाएं ही पूर्ण हो सकीं। इनमें दो वेलस्पेन जबकि 10 विंध्या टेली लिंक की हैं। 74 परियोजनाओं का संचालन बगैर ओवरहेड टैंक के निर्माण के ही शुरू कर दिया गया है। इसमें 50 परियोजनाएं विंध्या टेली लिंक जबकि 24 वेल स्पेन की हैं। शेष परियोजनाओं पर काम तो चल रहा लेकिन कार्यदायी संस्था की लापरवाही के चलते गति नहीं पकड़ पा रहा।
सात परियोजनाओं को नहीं मिली भूमि
भूलेपुर, मकोइया, तकिया कानूनगो, सया, दिलावलपुर, जैतपुर व कुड़िया चितौना में परियोजना के लिए भूमि ही उपलब्ध नहीं हो सकी। दरअसल परियोजना के लिए जिस भूमि का चिह्नांकन किया गया था, उसके विवादित होने के चलते परियोजना पर काम प्रारंभ नहीं हो सका। इसके चलते इन परियोजनाओं से जुड़े 17 गांव की लगभग 35 हजार की आबादी को निराशा हाथ लग रही है। विंध्या टेली लिंक के परियोजना प्रबंधक अमजद हुसैन ने बताया कि पूर्व में 18 परियोजनाओं की भूमि पर विवाद था। इसमें 11 का निस्तारण कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। शेष सात परियोजना के लिए चिह्नित भूमि या तो न्यायालय में लंबित है या फिर अन्य कारणों से विवादित है।
तेजी से काम पूरा कराने के निर्देश
ज्यादातर परियोजनाएं 70 प्रतिशत पूरी हो चुकी हैं। कुछ परियोजनाओं पर विवाद था जिन्हें स्थानीय व प्रशासन की मदद से निस्तारित किया गया है। जिम्मेदारों को जल्द से जल्द सभी परियोजनाओं को पूर्ण कर लेने का निर्देश दिया गया है। – सूरज वर्मा, अधिशासी अभियंता जलनिगम