बीएससी एजी की कक्षाएं चले तो छात्रों को दूसरे शहर का नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर

सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु व जिले के अन्य कॉलेजों में बीएससी एजी की पढ़ाई नहीं होती है। इससे प्रतिवर्ष दो से तीन हजार छात्रों को बीएसी एजी की पढ़ाई करने के लिए अन्य जिलों में जाना पड़ता है। इससे छात्रों को परिवार से दूर होने के साथ फीस भी अधिक खर्च करना पड़ता है। जबकि विश्वविद्यालय खुलने के बाद छात्रों में एजी का पढ़ाई शुरु होने की उम्मीद जगी थी।
जिले में कृषि से संबंधित अनेकों लाभ मिलने की संभावना है, जिले के लगभग 95 प्रतिशत लोग कृषि से जुड़े हैं। लेकिन जिले में कृषि से स्नातक की पढ़ाई नहीं होने से छात्रों को अन्य जिले में पढ़ाई करने के लिए जाना पढ़ता है। जबकि जिले में बीएससी एजी की पढ़ाई हो तो छात्र डिग्री के साथ नए तकनीक से खेती भी करेंगे। इससे किसानों को भी लाभ होता। वही बीएससी एजी के पढ़ाई करने से छात्रों को रोजगार के क्षेत्रों में अवसर भी अधिक मिलता है। जिले में बीएससी एजी की कोर्स चलने से काला नमक धान की खेती पर भी विशेष बढ़ावा मिलता, युवा पढ़ कर खेती के तरफ अग्रसर होते, इससे जिले में खेती का बढ़ावा मिलता साथ ही युवा आत्म निर्भर बनते, जिससे जिले के किसानों को विशेष लाभ मिलता।
बीएससी एजी की पढ़ाई शुरू नहीं होने से प्रतिवर्ष सैकड़ों छात्र दूसरे जिले में पढ़ाई करने के लिए जाते है। इससे छात्रों को परिवार से दूर होने के साथ पढ़ने के लिए खर्च भी अधिक करना पड़ता है।
अंजली अग्रहरि
जिले में बीएससी एजी की पढ़ाई नहीं होने से दूसरे जिले में प्रवेश लेने के लिए जाना पड़ता है। जबकि जिले के विश्वविद्यालय से संबद्ध अन्य जिले के कॉलेजोंं में बीएससी एजी की पढ़ाई होती है।
विश्वविद्यालय खुलने से कई नई कोर्स शुरु होने से उम्मीद जगी थी, लेकिन अभी तक बीएससी एजी की कोर्स भी नहीं शुरु हो पाई है, कोर्स शुरु होने से छात्रों को अन्य जिलों में पढ़ाई करने के लिए नहीं जाना पड़ेगा।
-सुगंधा श्रीवास्तव
बीएससी एजी की कोर्स करने से कई रोजगार का अवसर बढ़ जाता है, लेकिन जिले में इसकी पढ़ाई नहीं होन से कई छात्र अन्य विषयों से पढ़ाई करने पर मजबूर हाेते हैं, ऐसे में कोर्स चलने से सुविधा मिलेगी।
मो. हैदर
बीएससी एजी करने से इन क्षेत्रों में मिलेगा रोजगार
सिद्धार्थनगर। बीएससी एग्रीकल्चर एक अंडरग्रेजुएट कोर्स होता है। इस प्रोफेशनल डिग्री को लेने के बाद कृषि इंजीनियर, व्यवसाय विकास कार्यकारी, कृषि विकास अधिकारी (एडीओ), कृषि वैज्ञानिक, भूनिर्माण प्रबंधक, फसल परीक्षण अधिकारी जैसे उच्च पदों पर नौकरी लेकर अपना करियर बना सकते है। जबकि बीएससी एजी का कोर्स पूरा होने के बाद कृषि अनुसंधान केंद्र में साइंटिस्ट बनकर अपना कॅरिअर बना सकते हैं। इसके अलावा बीएससी के बाद कई सारे ऑप्शन आपको मिल जाएंगे। एग्रीकल्चर विषय में ही आप कोई सब्जेक्ट चुनकर पीएचडी भी कर सकते हैं। पीएचडी के बाद सरकारी एग्रीकल्चर कॉलेज में अपना कॅरिअर बना सकते हैं।
नई कोर्स का संचालन करने के लिए पत्राचार किया जा रहा है, जल्द ही विश्वविद्यालय को अन्य कोर्स की संचालन करने के लिए निर्देश मिल जाएगा।
-प्रो हरि बहादुर श्रीवास्तव, कुलपति