
सत्य और अहिंसा की ज्योति जलाने वाले जैन धर्म के 24 वें व अंतिम तीर्थंकर 1008 भगवान महावीर स्वामी जी का 2623 वां जन्म कल्याणक महोत्सव रविवार को जैन धर्मावलंबियों के द्वारा पूरे धार्मिक आस्था के साथ धूमधाम से हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। जन्म- जयंती के उपलक्ष्य पर सुबह 8:30 बजे पूरे शहर में गाजे-बाजे और ढोल- नगाड़े के बीच आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ो समाज जन शामिल हुए और पूरे मार्ग में भगवान महावीर के जयकार लगाते हुए चल पड़े। प्रभात फेरी में आगे महावीर स्वामी के अष्टधातु की प्रतिमा शोभायमान थी। समाजजन हाथ में जैन ध्वजा लेकर चल रहे थे। पुरुष सफेद तो महिलाएं पीले साड़ी पहने हुए इसमें शामिल हुई। दिगंबर जैन समाज जैन की सामूहिक प्रभात फेरी शहर के रमना रोड, पीर मंसूर, कलेक्ट्रेट, केदारनाथ मार्केट, जीबी रोड कोतवाली चौक, लहेरिया टोला, बजाजा रोड,शहीद रोड,टावर चौक, किरानी घाट होते हुए वापस जैन मंदिर में आकर समाप्त हुई। यहां जैन परंपरानुसार मंदिर जी के गुंबद शिखर पर ध्वज बंधन हुआ एवं सामूहिक ध्वज गीत गाया गया। कई जगहों पर समाज के लोगों ने श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ भगवान महावीर की आरती उतारी।
जैन समाज के नन्हे-मुन्हे बच्चों द्वारा भगवान महावीर के जीवन दर्शन पर आधारित संदेश को पोस्टर के माध्यम से प्रसारित कर रहे थे।
इसके पूर्व श्रीजी मंदिर में भगवान महावीर जी का महा मस्तकाभिषेक, शांति धारा का पाठ पूरे विधि विधान के साथ मंत्रो उच्चारण पूर्वक किया गया। इस दौरान पूरे मंदिर परिसर में णमोकार महामंत्र का जाप किया गया। जय महावीर त्रिशला नंदन वीर के नारे से पूरा मंदिर गूंज उठा।
समाज के लोगों ने भगवान महावीर के अहिंसा परमो धर्म: जियो और जीने दो के बताए हुए मार्गों पर चलने का संकल्प किया।
इस अवसर पर जैन समाज के अध्यक्ष अजीत छाबड़ा, मंत्री हेमंत पाटनी, सह मंत्री अर्पित पाटनी, राजू गंगवाल, आशा सेठी, संतोषी गंगवाल, नीलम बड़जात्या, संध्या काला, अंजना जैन सहित बड़ी संख्या में जैन समाज उपस्थित थे।
त्रिलोकी नाथ डिस्ट्रिक्ट हेड गया बिहार
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