
देश में लागू हुआ सीएए, अधिसूचना जारी
*केंद्र सरकार ने सोमवार (11 मार्च) को नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) लागू करने संबंधी अधिसूचना को जारी कर दिया. दिसंबर 2019 में राष्ट्रपति ने इस कानून को मंजूरी दी थी*
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा से ठीक पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू कर दिया है। इस संबंध में सरकार ने आज सोमवार को अधिसूचना जारी की
सीएए को दिसंबर 2019 में संसद ने मंजूरी दी थी इसके चार साल बाद इसे लागू किया गया है। सीएए नियम जारी किए जाने के बाद अब 31 दिसंबर 2014 तक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता दिया जाएगा गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे ,जिसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है। वगैर दस्तावेज के इन लोगों को नागरिकता दी जा सकती है।
सीएए को दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी, लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे इसके बाद यह कानून लागू नहीं हो सका अब कानून लागू होने के साथ ही संवेदनशील इलाकों में पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पुलिस के अतिरिक्त जवान देखे गए बता दें कि इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के केंद्र में शाहीन बाग रह चुका है।
*कांग्रेस का निशाना*
सीएए लागू होने के बाद कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने सरकार पर तंज कसा उन्होंने कहा, दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीक़े से काम करती है। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफ़ेद झूठ की एक और झलक है।
उन्होंने कहा, नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है। ऐसा स्पष्ट रूप से चुनाव को ध्रुवीकृत करने के लिए किया गया है, विशेष रूप से असम और बंगाल में यह इलेक्टोरल बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख़्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है।
*ममता बनर्जी ने क्या कहा?*
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि अगर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) लोगों के समूहों के साथ भेदभाव करता है, तो वह इसका विरोध करेंगी सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के लिए संवेदनशील करार देते हुए बनर्जी ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव से पहले अशांति नहीं चाहती हैं।
*अखिलेश यादव क्या बोले?*
वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि जब देश के नागरिक रोज़ी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए नागरिकता क़ानून लाने से क्या होगा? जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। बीजेपी सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गये। चाहे कुछ हो जाए कल इलेक्टोरल बांड का हिसाब तो देना ही पड़ेगा और फिर केयर फ़ंड का भी वहीं बीजेपी ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि हमने जो कहा वो किया बता दें कि सीएए बीजेपी के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है।
*छह राज्य कर चुके हैं विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव*
देश में लागू किए गए नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 (CAA) के विरोध में छह राज्यों की ओर से प्रस्ताव भी विधानसभा में पारित किया जा चुका है। इनमें केरल विधानसभा, पंजाब विधानसभा, राजस्थान विधानसभा, पश्चिम बंगाल विधानसभा, पुडुचेरी विधानसभा और तेलंगाना विधानसभा प्रमुख रूप से शामिल हैं।