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हर गांव तक पहुंचा स्वास्थ्य का मंदिर

428 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों से सारण की स्वास्थ्य व्यवस्था में आया क्रांतिकारी बदलाव

छपरा सारण से डॉ देशराज बिक्रांत की रिपोर्ट 

छपरा (सारण)। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की दशा और दिशा अब पूरी तरह बदल चुकी है। जहां पहले गांवों के उपकेंद्र केवल नाम मात्र के लिए संचालित होते थे और मरीजों को छोटी-सी बीमारी में भी शहर का रुख करना पड़ता था, वहीं अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल और स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं ने इस व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत कर दिया है। उपकेंद्रों को आधुनिक स्वरूप देकर “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” में बदला गया है, जो केवल इलाज का केंद्र नहीं बल्कि स्वास्थ्य, जागरूकता और जीवनशैली सुधार का नया आधार बन चुके हैं।

सारण में संचालित 428 आयुष्मान आरोग्य मंदिर

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने जानकारी दी कि सारण जिले में वर्तमान समय में 428 आयुष्मान आरोग्य मंदिर पूरी तरह संचालित हैं। इनमें शामिल हैं:

  • 378 हेल्थ सब-सेंटर
  • 08 अपग्रेडेड हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
  • 40 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
  • 02 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

इन केंद्रों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं जिले के हर गांव-टोले तक पहुंच रही हैं। ग्रामीणों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए शहरों या बड़े अस्पतालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा है।

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गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की गारंटी

स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन केंद्रों को और अधिक सक्षम बनाने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) के तहत केंद्रों का प्रमाणीकरण कराया जा रहा है ताकि यहां मिलने वाली दवाएं और जांच सेवाएं देश के सर्वोत्तम मानकों पर खरी उतरें।

आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित

ग्रामीण इलाकों में बने इन स्वास्थ्य मंदिरों में न केवल चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं, बल्कि:

  • शुद्ध पेयजल की व्यवस्था
  • साफ-सुथरे शौचालय
  • हर्बल गार्डन
  • अग्निशमन यंत्र
  • स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण

भी सुनिश्चित किया गया है। यहां मरीजों को केवल दवा नहीं दी जाती बल्कि संतुलित आहार, योग-व्यायाम और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जानकारी भी प्रदान की जाती है।

क्या-क्या मिलती हैं सुविधाएं?

आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में लोगों को पूरी तरह निःशुल्क एवं गुणवत्ता-युक्त स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। इनमें शामिल हैं:

  • 151 प्रकार की दवाओं का निःशुल्क वितरण
  • 14 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांच
  • प्रसव पूर्व जांच एवं सुरक्षित प्रसव की सुविधा
  • परिवार नियोजन सेवाएं
  • नियमित टीकाकरण अभियान
  • प्रतिदिन ओपीडी सेवाएं
  • संचारी व गैर-संचारी रोगों का इलाज
  • मानसिक स्वास्थ्य और किशोर-किशोरी परामर्श

गांव-गांव बदल रही है तस्वीर

सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा के अनुसार,

“आज आयुष्मान आरोग्य मंदिर केवल अस्पताल नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास और जागरूकता का प्रतीक बन चुके हैं। यहां बच्चों को समय पर टीकाकरण मिल रहा है, महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व की गारंटी मिल रही है, बुजुर्गों को नियमित दवा और जांच मिल रही है, साथ ही किशोर-किशोरियों को मानसिक स्वास्थ्य और पोषण संबंधी परामर्श भी उपलब्ध कराया जा रहा है।”


👉 सारण का यह मॉडल अब अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा बन रहा है। गांव-गांव में स्वास्थ्य के इन मंदिरों ने ग्रामीण परिवारों का समय, धन और श्रम बचाने के साथ-साथ उन्हें स्वस्थ जीवन का भरोसा दिया है।

स्वास्थ्य का मंदिर

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