
जया एकादशी पर मांडू के बालाजी मंदिर में अनुष्ठान
महिलाओं के द्वारा ने11 दिए जलाए साथ ही भजन कीर्तन भी किए
राहुल सेन मांडव
मो 9669141814
मांडू न्यूज/जया एकादशी पर मंगलवार को मांडू के चतुर्भुज राम मंदिर परिसर में स्थित भगवान बालाजी के मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। बड़ी संख्या में महिलाएं भगवान के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचीं।
महिलाओं ने भगवान बालाजी का फूलों और नए वस्त्रों से शृंगार किया। इसके बाद उन्होंने 11 मिट्टी के दीपक जलाए और एकादशी की व्रत कथा सुनी। इस अवसर पर लगभग दो घंटे तक भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। महिलाओं ने अपने परिवार की सुख-समृद्धि और मंगल कामना के लिए प्रार्थना की और ओम नमोः नारायणाय नमः” और “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” जैसे मंत्रों का जाप किया।
जया एकादशी का महत्व और पूजा विधि
जया एकादशी, जिसे भीष्मी एकादशी भी कहा जाता है, माघ मास के शुक्ल पक्ष में आती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मंदिर में मौजूद महामंडलेश्वर डॉ. नरसिंह दास महाराज ने महिलाओं को पूजा का महत्व और सही विधि समझाई। उन्होंने बताया कि इस दिन स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनकर, घर के मंदिर में दीप जलाना चाहिए। भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक कर उन्हें पीले वस्त्र, चंदन, फूल, तुलसी दल, फल और नैवेद्य अर्पित करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि इस दिन चावल का सेवन वर्जित है और 108 बार ॐ नमो भगवते वाशुदेवाय नमः मंत्र का जाप करना बेहद शुभ होता है