
मलेरिया से बचाव-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि मलेरिया प्लास्मोडियम नामक परजीवियों के समूह के कारण होता है। इन परजीवियों को मादा एनोफिलीज़ मच्छरों द्वारा ले जाया जाता है। आप तब संक्रमित हो जाते हैं जब कोई संक्रमित मच्छर आपको काटता है और परजीवियों को आपके रक्तप्रवाह में पहुंचा देता है।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन, डॉ अनीता चौहान, डॉ संजीव शर्मा ने कहा कि जब इलाज नहीं किया जाता है, तो यह प्रजाति लंबे समय तक चलने वाले, दीर्घकालिक संक्रमण का कारण बन सकती है जो जीवन भर रह सकती है। कुछ लोगों में, यह एक गंभीर जटिलता पैदा कर सकता है।
इसलिए चिकित्सकों की सलाह लें एवं जांच करायें।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि परेशानी होने पर किसी भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर इलाज करायें। उन्होंने डेंगू, मलेरिया आज बीमारी से बचाव के उपाय भी बताएं।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, डॉ आरके शर्मा, डॉ संजीव शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, डॉ संजय जी आदि ने कहा कि मलेरिया की रोकथाम के लिए 5 सुरक्षात्मक उपाय मच्छरदानी लगा कर सोना, मच्छरदानी में सोना मच्छरों और कीटों को दूर रखने का सबसे अच्छा तरीका है।ध्यान रखें कि मच्छरदानी को गद्दे के नीचे दबाने के बाद अंदर कोई मच्छर न रह जाएं और इस पर धूल जमने से बचाने के लिए इसे हर 10 दिन में एक बार धोएं।
मच्छरों को अपने घर से दूर रखने के लिए खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें या स्क्रीन से ढक दें। पानी को इकट्ठा न होने दें। सप्ताह में एक बार कूलर के पानी को बदलें।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ