
आज कलेक्ट्रेट परिसर में नवनिर्मित पुस्तकालय एवं जन प्रतीक्षालय का भव्य उद्घाटन किया गया। इस आयोजन की विशेष बात यह रही कि समारोह में किसी राजनेता या उच्चाधिकारी को नहीं, बल्कि उन आम नागरिकों को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया, जिनकी वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान जन सुनवाई के माध्यम से हुआ है। उन्हीं लोगों ने फीता काटकर इस नवाचार की शुरुआत की।
पुस्तकालय में आने वाले सभी आगंतुकों के लिए साहित्य, समाचार पत्र, और विविध अध्ययन सामग्री की सुलभ व्यवस्था की गई है। उद्घाटन समारोह में वक्ताओं ने कहा कि ज्ञान ही वह साधन है जिससे व्यक्ति के साथ-साथ समाज का भी विकास संभव है। यह पुस्तकालय न केवल अध्ययन की सुविधा देगा, बल्कि जन प्रतीक्षालय के रूप में नागरिकों को सुगमता से बैठने और संवाद करने का एक मंच भी उपलब्ध कराएगा।
इस पहल को नागरिकों ने सराहा और कहा कि यह एक सकारात्मक बदलाव की ओर बढ़ता हुआ कदम है, जो प्रशासन और आमजन के बीच की दूरी को कम करेगा।