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विजयवाड़ा में आत्मसमर्पण: 34 साल से सक्रिय दो वरीष्ठ माओवादी दंपत्ति ने छोड़ा हिंसा का रास्ता

मलकानगिरी/विजयवाड़ा: सीमावर्ती आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में दो वरीष्ठ माओवादी दंपत्ति ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी हैं जोरिगे नागराजू उर्फ कमलेश और उनकी पत्नी मेडका ज्योतिेश्वरी उर्फ अरुणा, जो बीते 34 वर्षों से माओवादी संगठन से जुड़े हुए थे। कमलेश बस्तर डिवीजनल कमिटी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

आंध्र प्रदेश सरकार ने कमलेश पर ₹20 लाख और अरुणा पर ₹5 लाख का इनाम घोषित किया था। आत्मसमर्पण के दौरान उन्होंने बताया कि लगातार आंध्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा और तेलंगाना की पुलिस द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त अभियान के कारण संगठन में टिके रहना मुश्किल हो गया था। इसी भय और दबाव के चलते उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।

आत्मसमर्पण के बाद प्रशासन की ओर से दोनों को ₹20,000 की तात्कालिक आर्थिक सहायता प्रदान की गई। विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर आंध्र प्रदेश के आलुरी सीताराम जिला क्षेत्र में इस माओवादी दंपत्ति की गिरफ्तारी भी हुई, जिनके पास से भारी मात्रा में हथियार जब्त किए गए।

जब्त किए गए हथियारों में एक AK-47 राइफल, दो बीजील (ग्रेनेड लांचर), पांच SLR, दो INSAS राइफल, 606 जिंदा कारतूस, 37 किलोग्राम कोडेक्स वायर समेत कई अन्य विस्फोटक सामग्री शामिल हैं।

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प्रशासन ने अन्य नक्सलियों से भी अपील की है कि वे हिंसा का मार्ग त्यागें और शीघ्र आत्मसमर्पण करें। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, आत्मसमर्पण के लिए अब केवल 7 महीने का समय शेष है।

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