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ओडिशा; मलकानगिरी में अधूरी पुल परियोजनाएं बनीं बाढ़ का खतरा, ठेकेदार पर 8 करोड़ का जुर्माना

मलकानगिरी(ओडिशा): जैसे-जैसे मानसून तेज होता जा रहा है, ओडिशा के मलकानगिरी जिले में बाढ़ का खतरा एक बार फिर मंडराने लगा है। लगातार हो रही बारिश के कारण जिले में जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं अधूरी पुल परियोजनाएं लोगों की चिंता को और भी बढ़ा रही हैं।

सूत्रों के अनुसार, जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर पांच हाई-लेवल पुलों का निर्माण अभी तक अधूरा पड़ा है। इन पुलों के निर्माण में ठेकेदार की लापरवाही और सुस्ती के चलते काम निर्धारित समयसीमा में पूरा नहीं हो सका, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है।

जून 2022 में शुरू हुए इन पुलों के निर्माण कार्य को जुलाई 2024 तक पूरा किया जाना था। लेकिन लगभग तीन साल बीतने के बावजूद अब तक सिर्फ 30% काम ही पूरा हो सका है। परियोजना की लागत अनुमानित रूप से 102 करोड़ रुपये थी, लेकिन यह कार्य 79 करोड़ रुपये में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के एक ठेकेदार को सौंपा गया था।

इन अधूरे पुलों में पंगम, पोतेरू, कंगुरुकोण्डा और एमवी-96 इलाके शामिल हैं, जो गोविंदपाली से मोतू के बीच 150 किलोमीटर लंबे मार्ग पर स्थित हैं। ठेकेदार की लापरवाही के कारण मलकानगिरी जैसे पिछड़े जिले में, जहां पहले से ही कई निचले स्तर के पुल हैं, वहां बारिश के दौरान फिर से संपर्क कटने की संभावना बढ़ गई है।

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जिले के प्रशासन ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए ठेकेदार का अनुबंध समाप्त कर दिया है और उस पर 8 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि ठेकेदार ने अब तक न्यूनतम प्रगति के बावजूद 16 करोड़ रुपये का भुगतान भी प्राप्त कर लिया था।

इस संबंध में मलकानगिरी के अपर कलेक्टर बेडाबरा प्रधान ने कहा, “निर्माण कार्यों की धीमी गति को देखते हुए ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और फिर उसका अनुबंध रद्द कर दिया गया। विभाग ने उस पर जुर्माना भी लगाया है। अब नए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जा रही है ताकि अधूरे पुलों का निर्माण जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।”

वर्तमान में जिले में लगातार हो रही बारिश के बीच, प्रशासन इन अधूरे कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की बात कर रहा है ताकि जनता को और अधिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। स्थानीय लोग अब सरकार से जल्द समाधान की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

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