
✍️✍️✍️✍️✍️अखंड भारत न्यूज़ जियाउद्दीन अंसारी
अनूपपुर जिले के चचाई थाना क्षेत्र में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां सोन नदी में बनी रेत खदान में नहाते समय 8 वर्षीय मासूम बादल वासुदेव की डूबने से मौत हो गई। इस घटना ने पूरे चचाई में हड़कंप मचा दिया है और एक बार फिर अवैध तथा असुरक्षित रेत खनन पर खनिज विभाग की घोर लापरवाही को उजागर कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, मौहार टोला, चचाई निवासी मृतक बादल वासुदेव (उम्र 8 वर्ष) आज सुबह करीब 9 बजे अपने चार दोस्तों के साथ पहले एक होटल गए और नाश्ता किया। नाश्ते के बाद, वे चचाई मस्जिद के पीछे सोन नदी स्थित एक रेत खदान में नहाने चले गए। लगभग 11 से 12 बजे के बीच, जब पांचों दोस्त खदान के समीप नहा रहे थे, तभी अचानक बादल का पैर रेत में धंस गया और वह देखते ही देखते पानी की गहराइयों में समा गया।
मासूम को डूबता देख उसके साथी घबरा गए और तुरंत पास की शराब भट्ठी पर जाकर मदद मांगी। इस खबर के फैलते ही पूरे मोहल्ले में सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही चचाई थाना पुलिस मौके पर पहुंची और तत्काल गोताखोरों को बुलाया गया। काफी मशक्कत के बाद गोताखोरों ने बादल के शव को बाहर निकाला और परिजनों को सौंप दिया।
यह घटना सीधे तौर पर खनिज विभाग के अधिकारियों की निष्क्रियता और उदासीनता को दर्शाती है। सोन नदी में अवैध और असुरक्षित रेत खदानों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है, जिसके कारण ऐसे हादसे लगातार हो रहे हैं। इन खदानों में न तो सुरक्षा के कोई उपाय होते हैं और न ही गहराई को लेकर कोई चेतावनी बोर्ड लगाए जाते हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि विभाग की मिलीभगत या अनदेखी के कारण ही ये खदानें जानलेवा साबित हो रही हैं। इस मासूम की मौत ने खनिज विभाग के खिलाफ गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर कब तक उनकी लापरवाही ऐसी जिंदगियां लीलती रहेगी?