
अंग व्यापार रोकने के लिए मौजूदा कानून मजबूती से लागू करें-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि अंग प्रत्यारोपण का दूसरा पहलू अंग व्यापार का एक समृद्ध कारोबार है, जिसे रोकने के लिए मौजूदा कानून को मजबूती से लागू करना होगा। चिकित्सा पेशे से जुड़े सभी व्यक्तियों को भी ईमानदारी एवं प्रतिबद्धता दिखानी होगी।
अंग प्रत्यारोपण के लिए अधिकतर देशों ने कानून ढांचा तैयार कर रखा है। पैसे लेकर अंगदान करने का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गैरकानूनी माने जाने के बावजूद अवैध अंग व्यापार जारी है।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि पीड़ितों को अक्सर विदेश में उच्च वेतन का वायदा करके काम का लालच दिया जाता है।जिसके बाद वह स्वयं को कर्ज में फंसा पाते हैं एवं अंग बेचने के लिए मजबूर हो जाते हैं। यदि अंगों के लिए पैसे देने या पैसे के लिए अंगों की आपूर्ति करने की पेशकश करता है। झूठे दस्तावेज तैयार करने में सहयोग करता है। अंगों की आपूर्ति करने वाले व्यक्ति की तलाश करता है। तू ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक की जेल एवं एक करोड रुपए तक जुर्माना हो सकता है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं प्राचीन मानवाधिकार काउंसिल सदस्य डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक डॉक्टर आरके शर्मा, आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, डॉ आरके शर्मा, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि मृत्यु के बाद अंगदान करें इसके लिए जन-जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। आज चिकित्सा के क्षेत्र में प्रगति के कारण एक व्यक्ति से लगभग 37 अंगों और ऊतकों को निकाल कर दूसरे व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया जा सकता है।
अंग व्यापार में शामिल मिली भगत को पकड़ने के लिए चिकित्सा गतिविधियों में पारदर्शिता बढ़ाने की आवश्यकता है।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ