जैन संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज नहीं रहे, वर्तमान के वर्धमान ने 3 दिन के उपवास के बाद ली समाधि..

निलेश सुरेश मोकले -मुंबई [महाराष्ट्र ]
देश भर के जैन समाज के लिए आज यानि 18 फरवरी का दिन सबसे कठिन है। समाज के वर्तमान के वर्धमान कहे जाने वाले संत आचार्य विद्यासागर महाराज ने समाधि लेते हुए 3 दिन के उपवास के बाद अपना देह त्याग दिया है। शनिवार की देर रात करीब 2:35 बजे उन्होंने अपना देह त्याग दिया। देह त्यागने से पहले उन्होंने अखंड मौन धारण कर लिया था। उनके देह त्यागने का पता चलते ही जैन समाज के लोग जुटने लगे है।
आचार्य ज्ञान सागर के शिष्य आचार्य विद्यासागर ने 72 साल की उम्र में छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में 3 दिनों के उपवास के बाद अपना शरीर त्याग दिया है। रविवार को दोपहर एक बजे उनकी अंतिम संस्कार विधि पूरी की जाएगी। आचार्य के शरीर त्यागने का पता चलते ही दर्शन के लिए लोगों का तांता लग गया है।
पीएम मोदी भी कर चुके है मुलाकात
आचार्य ज्ञान सागर से की समाधि लेने से पहले मुनि विद्यासागर को आचार्य पद सौंप दिया गया था। ऐसे में 26 साल की उम्र में ही विद्यासागर आचार्य हो गए थे। वर्तमान के महावीर से पिछले साल 5 नवंबर को देश के पीएम मोदी डोंगरगढ़ पहुंच कर आशीर्वाद लिया था। इस खास पल को अपने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए पीएम ने लिखा था कि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी का आशीर्वाद पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं।
अब कौन होगा अगला आचार्य?
संत ज्ञान सागर की तरह ही आचार्य विद्यासागर जी ने भी समाधि से 3 दिन पहले अपना आचार्य पद का त्याग करते हुए अगला आचार्य नियुक्त कर दिया था। उन्होंने आचार्य पद उनके पहले मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि समयसागर को सौंप दिया है। विद्यासागर ने उन्हें योग्य समझा और 6 फरवरी के दिन ही आचार्य पद देने की घोषणा कर दी थी।
कर्नाटक से छत्तीगढ़ तक का सफर
जैन संत विद्यासागर महाराज का जन्म देश की आजादी के पहले कर्नाटक के बेलगांव के सदलगा गांव में 10 अक्टूबर 1946 को शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था। उनके 3 भाई और 2 बहनें है। तीन भाई में से 2 जैन मुनि तो तीसरे भाई धर्म के काम में लगे है। उनकी बहनों ने भी ब्रह्मचर्य लिया है। आचार्य विद्यासागर महाराज ने अभी तक 500 से ज्यादा मुनि को दीक्षा दे चुके है। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में रहते हुए आचार्य विद्यासागर ने अपनी देह का त्याग किया।
एमपी के पूर्व सीएम शिवराज ने जताया दुख
आचार्य विद्यासागर महाराज की समाधि का पता चलने पर एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी सोशल मीडिया में पोस्ट कर दुख जताया है। पूर्व सीएम ने कहा कि राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का स्माधिपूर्वक निधन का समाचार सम्पूर्ण जगत को स्तब्ध और निशब्द करने वाला है। मेरे जीवन में आचार्य श्री का गहरा प्रभाव रहा, उनके जीवन का अधिकतर समय मध्यप्रदेश की भूमि में गुजरा और उनका मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला। उन्होंने आगे लिखा कि आचार्य श्री के सामने आते ही हृदय प्रेरणा से भर उठता था। उनका आशीर्वाद असीम शांति और अनंत ऊर्जा प्रदान करता था। उनका जीवन त्याग और प्रेम का उदाहरण है आचार्य श्री जीते जागते परमात्मा थे। उनका भौतिक शरीर हमारे बीच ना हो लेकिन गुरु के रूप में उनकी दिव्य उपस्थिति सदैव आस पास रहेगी। आचार्य श्री शीघ्र ही परमपद सिद्धत्व को प्राप्त हों। गुरुवर के चरणों मे शत शत नमन नमोस्तु भगवन!
1 बजे होगी अंतिम संस्कार विधि
समाधि लेने वाले आचार्य विद्यासागर महाराज के शरीर त्याग करने का पता चलते ही जैन समाज में शोक की लहर है। साथ ही उनके दर्शन करने के लिए लोगों का तांता लग गया है। आज यानि रविवार को दोपहर 1 बजे उनके अंतिम संस्कार की विधि की जाएगी।