एक दिन में 21 गांवों के धुआंधार दौरे पर रही ईश आराधना यात्रा
शिव के युवा विधायक श्री रविंद्र सिंह भाटी द्वारा जैसलमेर क्षेत्र में निकाली जा रही ईश आराधना यात्रा अपने प्रथम दिन 21 गांव में पहुंची

शिव के युवा विधायक श्री रविंद्र सिंह भाटी द्वारा जैसलमेर क्षेत्र में निकाली जा रही ईश आराधना यात्रा अपने प्रथम दिन 21 गांव में पहुंची। ग्रामीण ने मिठाई बांट कर फूलों और मालाओं के साथ यात्रा का स्वागत किया। ईश आराधना यात्रा को स्थानीय ग्रामीणों का अच्छा समर्थन प्राप्त हुआ। यात्रा में उमड़े जनसैलाब को देखकर ऐसा लगता है जैसे बाड़मेर जैसलमेर लोक सभा की राजनीति एक नया करवट ले रही है।
यात्रा का प्रारंभ चंपा नाथ जी की मठ से हुआ ।
क्षेत्रीय समस्याओं का भाटी द्वारा स्थानीय स्तर पर समाधान करने और प्रभावी रणनीति के चलते ग्रामीण जन दिल खोलकर अपना समर्थन दे रहे हैं।
यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि इस क्षेत्र की समस्याओ का समाधान करने हेतु रविंद सिंह एकमात्र विकल्प है। पानी बिजली स्वास्थ्य शिक्षा और सड़क जैसे मुद्दों को रविंद्र सिंह ने पुर जोर उठाया है और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर त्वरित निवारण के निर्देश दिए।
रविंद्र सिंह भाटी इस संदर्भ में बताते हैं कि यह लोकसभा क्षेत्र संभावनाओं से भरपूर और उदयमान क्षेत्र है इसलिए अधिकारी इस क्षेत्र की समस्या को गंभीरता से ले।
ईश आराधना यात्रा की सफलता के चर्चे इन दिनों पश्चिमी राजस्थान के साथ साथ पूरे राजस्थान में हो रहे हैं।
स्थानीय समर्थक अपनी मांगों, समस्याओं और दैनिक जरूरतों को भाटी के समक्ष दिल खोल कर रख रहे हैं और भाटी इनका त्वरित समाधान भी कर रहे है। यात्रा अपने स्वाभाविक उद्देश्य और निर्धारित लक्ष्यों की ओर क्रांतिकारी स्वरूप में बढ़ रही है और अपेक्षित परिणाम प्राप्त कर रही है।
*दिया तले अंधेरा जैसी हालत है बाडमेर की, जिम्मेदार लोग शांत क्यों :- भाटी*
रविंद्र सिंह भाटी ईश आराधना यात्रा में मुखर होकर स्थानीय मुद्दो को उठा रहे हैं और जनता की प्रखर आवाज बन कर उभर रहे हैं। यात्रा के दौरान भाटी ने कहा कि बाड़मेर जैसलमेर अग्रणी बिजली उत्पादक ज़िला है, कई बहुर्राष्ट्रीय कंपनियां यहां बिजली उत्पादन कर रही है लेकिन इसका फायदा स्थानीय जनता को नही मिल रहा है।
होना तो यह चाइए कि यहां के स्थानीय ग्रामीणों को सस्ती, सुलभ और निर्बाध बिजली आपूर्ति होनी चाहिए जबकि वास्तविकता बिल्कुल अलग है।
भारत सरकार ने कंपनी अधिनियम 2013 में स्पष्ट प्रावधान कर रखा है कि जो कंपनी जहां काम कर रही है उसे अपने शुद्ध लाभ का 2 प्रतिशत CSR में निवेश करना अनिवार्य है। जबकि न तो यहां CSR आ रहा है और ना ही लोकल नागरीको को इसका फायदा मिल रहा है। इसका जिम्मेदार कोन है।
प्रथम दिन यहां रही यात्रा..
जोगमाया मंदिर लखा,चंपानाथ जी मठ कोहरा,रणधा,तेजमालता,श्री राम सिंह जी की छतरी,जोगीदास धाम,संत मूलचंद जी की प्रोल झिनझिनयाली,संत श्री सदाराम जी धाम गुहड़ा,श्री भोमिया जी का थान बईया,चेतननाथ जी आश्रम ,सिंहड़ार,सत्तो,ख्याला मठ म्याजलार,केसर सिंह का तला,फुलिया,सच्चानाथ जी का पालिया दव,पूज्य श्री तन सिंह जी जन्मस्थली बैरिसियाला,खुहड़ी,धोबा,मालण बाई जी मंदिर जानरा,आसलोई,सोडा,कोटड़ी,गोरेरा फाँटा,श्री तेम्बडे राय जी मंदिर,पाबूजी मंदिर करियाप धाम,सोनाराम की ढाणी,हरसिद्धि माता मंदिर,शहीद जयसिंह चौराहा,हनुमान मंदिर,हनुमान चौराहा,स्वांगिया माता मंदिर,श्री लक्ष्मीनाथ जी मंदिर,