

इलाज में घोर लापरवाही आयी सामने ,जच्चा बच्चा दोनो की मौत,परिवाजनों ने लगाए आरोप
रिपोर्टर मनमोहन गुप्ता 9783029649
भरतपुर – भरतपुर शहर के सरकारी जनाना अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलता एक हृदय विदारक मामला सामने आया है, जहाँ डीग जिले के कामां थाना क्षेत्र के अकाता गांव की निवासी 24 वर्षीय प्रसूता पिंकी और उसके नवजात बच्चे की कथित तौर पर इलाज में घोर लापरवाही के कारण मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने अस्पताल के स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और न्याय की मांग की है। परिजनों के अनुसार, पिंकी को शुक्रवार शाम 5 बजे प्रसव पीड़ा के चलते जनाना अस्पताल में भर्ती कराया गया था। देर रात करीब ढाई बजे उसकी डिलीवरी हुई, लेकिन बच्चा मृत पैदा हुआ। इस दुखद घटना के लगभग आधे घंटे बाद ही पिंकी की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। रात करीब 3 बजे पिंकी को घबराहट होने लगी, जिसकी जानकारी उसकी सास लक्ष्मी और देवर लोकेश ने तुरंत ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों को दी। लोकेश का आरोप है कि शिकायत को स्टाफ ने पूरी तरह अनसुना कर दिया और समय पर कोई इलाज शुरू नहीं किया गया। परिजनों ने रातभर पिंकी को तड़पते देखा, लेकिन अस्पताल स्टाफ ने उनकी गुहार को नजरअंदाज कर दिया। आखिरकार, शनिवार सुबह करीब 5 बजे पिंकी की तबीयत अचानक और ज्यादा खराब हो गई। परिजन उसे तुरंत आरबीएम अस्पताल लेकर पहुँचे, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पिंकी के पहले से दो बेटे हैं और यह उसका तीसरा बच्चा था, जिसकी मौत जन्म से पहले ही हो चुकी थी। इस दर्दनाक घटना से आक्रोशित परिजनों ने शनिवार सुबह करीब 10 बजे जनाना अस्पताल के बाहर एकत्र होकर जोरदार हंगामा किया। परिजनों का आरोप था कि अगर पिंकी का इलाज समय पर और गंभीरता से किया जाता, तो माँ और नवजात दोनों की जान बचाई जा सकती थी। इस पूरे मामले पर जनाना अस्पताल के प्रभारी शेर सिंह का बयान आया है, जिन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है और इसकी जाँच की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जाँच में किसी भी कर्मचारी की लापरवाही सामने आने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, परिजनों और ग्रामीणों ने इसे केवल लीपापोती करार दिया है और दोषी नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।