
लोकेशन जिला राजगढ़ ब्यावरा मध्य प्रदेश सारंगपुर भ्याना
इंडिया न्यूज दर्पण से संवाददाता फूलचंद अहिरवार
*कागजों पर स्वच्छता अभियान, धरातल पर गंदगी के ढेर*
*इंडिया न्यूज दर्पण के द्वारा जांच पड़ताल करने पर सिर्फ कागजों पर स्वच्छता अभियान, गांवों में गंदगी का अंबार जिम्मेदार बेखबर*
*गंदगी से परेशान आमजन:शहर में जगह-जगह लगे हैं कचरे के ढेर, गंदगी और बदबू से लोग बेहाल*
सारंगपुर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत भ्याना की लापरवाही सामने आ रही है। गांव के हर वार्डों में कचरे के ढेर नजर आ रहे हैं। ग्राम पंचायत भ्याना अभियान के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन फिर भी नगर में साफ-सफाई दिखाई नहीं दे रही। एक तरफ जहां स्वच्छता अभियान के तहत स्वच्छ भारत स्वच्छ मध्य प्रदेश के बड़े-बड़े स्लोगन लिखकर स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दिया जा रहा है। ग्राम पंचायत भ्याना कागजों में भले ही स्वच्छता के मामले में स्वच्छ और साफ नजर आ रही है। लेकिन यहां के हाल बेहाल हैं।बावजूद इसके पूरे नगर में हर जगह कचरे के ढेर हैं। कचरे की बद्बू से आसपास रहने वाले लोग परेशान हैं। कचरे से मच्छर भी पनप रहे हैं। कचरे से भले ही लोग परेशान हैं, लेकिन जिम्मेदार इस पूरे मामले से बेखबर हैं।
सरकार भले भी स्वच्छता अभियान को लेकर गंभीर हो लेकिन यहां के अधिकारी व जनप्रतिनिधि तनिक भी गंभीर नहीं दिख रहे है।
स्वच्छता अभियान मात्र कागजों तक ही सीमित रह गया है, जबकि धरातल पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। यह स्थिति कई जगहों पर देखी जा रही है, जहाँ नाले चोक हैं, सार्वजनिक शौचालय अस्वच्छ हैं और साफ-सफाई के अभाव में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
पत्रिका की पड़ताल में स्वच्छता अभियान की सच्चाई सामने आई है। सड़कों पर कीचड़ फैला हुआ है, नालियां बजबजा रहीं हैं। गांवों में महीनों से सफाई कर्मी नहीं पहुंचे हैं
एक तरफ सरकार स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत गांवों को चकाचक दिखाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। वहीं, जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते गांवों में गंदगी के ढेर लगे हैं। नालियों में कूड़ा कचरा भरा है। यह हकीकत पत्रिका की पड़ताल में सामने आई है।
*तीन प्रमुख समस्याएं*
1. नालियों में गंदगी व कूड़े के ढेर
इलाके की नालियों में जहां-तहां कूड़ा भरा होने से इनकी निकासी रुक जाती है। कचरा प्रबंधन के बेहतर उपाय न होने की वजह से इलाके की नालियां कूड़े से भरी हैं। कुछ स्थान पर कच्ची नालियों को पक्का किया गया है, लेकिन उनकी गंदगी को साफ न होने से समस्या दूर होने में सफलता नहीं मिली। हालत यह है लोगों की लापरवाही से भी इसे बढ़ावा मिलता है। डलावघर न होने की वजह से लोग इन्हीं नालियों में कूड़े को फेंक देते हैं। इसमें कागज, प्लास्टिक और अन्य घरेलू कूड़ा शामिल होता है। नालियां खुली होने के कारण और उनमें स्लैब न होने से इनमें गंदगी अधिक भर जाती है। इनकी कभी नियमित सफाई नहीं होती है।
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सफाई व्यवस्था है काफी लचर
इलाके की सफाई व्यवस्था बेहद खराब और खस्ताहाल है। कूड़े की नियमित सफाई तो दूर कोई उसकी सुध लेने वाला भी नहीं है। ऐसी सूरत में इलाके की हर गली, नुक्कड़, पार्क और खाली जगहों पर गंदगी की भरमार रहती है। सफाईकर्मी भी क्षेत्र की सफाई को लेकर गंभीर नहीं हैं। कूड़े के ढेर को हटाने और उसके निस्तारण के लिए संबंधित विभाग की लापरवाही से लोगों में काफी रोष है। हालांकि, कुछ लोग अपने घर के आसपास की सफाई खुद ही कर लेते हैं, लेकिन उनकी शिकायत है कि नालियों और गलियों की सफाई की जिम्मेदारी विभाग की है। मगर, इसमें वे विफल साबित हो रहे हैं।
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अधिकारियों की लापरवाही:
अधिकारी कागजों में स्वच्छता अभियान चलाने के लिए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं, जिससे धरातल पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
*लोगों की राय*
इलाके की सबसे बड़ी समस्या निकासी की है, जिसे लेकर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किए जाने से वर्षो से हालात में सुधार नहीं हुए। चुनावी समय में वादों की झड़ियां लग जाती हैं, लेकिन बाद में उनपर ध्यान नहीं दिया जाता है।
ग्राम पंचायत भ्याना द्वारा स्वच्छता अभियान को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत इससे अलग है। कस्बे के नाले-नालियों की नियमित सफाई न होने से इनमें गंदगी जमा है। इस कारण लोगों में को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गंदगी की वजह से आमजन को गंभीर बीमारी डेंगू, मलेरिया का खतरा भी सता रहा है।
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आपके द्वारा मुझे जानकारी मिली है मैं दिखवा लेता हूं
महीप कुमार तेजस्वी