
नई दिल्ली:-कोरोना वायरस के बढ़ते मामले फिर से टेंशन देने लगे हैं. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए मामले तेजी से सामने आने लगे हैं. इस महामारी को लेकर लोगों को आगाह किया जा रहा है. थाईलैंड में एक हफ्ते के अंदर कोरोना के 50 हजार नए मामले सामने आ चुके हैं जबकि भारत में भी लगातार नए मामले आ रहे हैं. अकेले गुजरात में कोरोना के 50 नए मामले सामने आए हैं.
जहां तक भारत की बात है तो यहां पर कोविड-19 के जेएन.1 वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. महाराष्ट्र और गुजरात के अलावा केरल, दिल्ली और अन्य राज्यों में नए केस सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को अलर्ट रहने का निर्देश जारी कर दिए हैं. जेएन.1 वैरिएंट के लक्षणों में ठंड लगना, खांसी, बुखार और सिरदर्द शामिल हैं.
महाराष्ट्र के बाद गुजरात में बढ़े मामले
पिछले 24 घंटों में अकेले महाराष्ट्र में 45 नए मामले सामने आए हैं. जिसमें 35 केस तो मुंबई से ही हैं. जनवरी से लेकर अब तक राज्य में कुल 6819 लोगों की कोरोना जांच की गई जिसमें से 210 लोग पॉजिटिव पाए गए. मुंबई में कुल 183 मरीजों में से 81 ठीक हो गए हैं जबकि अन्य लोगों में हल्के लक्षण ही हैं.
महाराष्ट्र की तरह गुजरात में भी कोरोना के मामलों की संख्या में तेजी आई है. अब यहां पर 50 से ज्यादा केस हो चुके हैं. पिछले एक दिन में 24 नए केस सामने आए हैं जिसमें अहमदाबाद में अकेले ही 17 नए मामले हैं, फिलहाल 5 लोग यहां पर अस्पताल में भर्ती हैं.
दिल्ली-NCR के नोएडा और गाजियाबाद से कोरोना वायरस के मामले सामने आए शनिवार, 24 मई को नोएडा में कोरोना वायरस का पहला मरीज (55) सामने आया. वहीं, गाजियाबाद से भी अब तक चार मामले सामने आए हैं.
दिल्ली में सरकार ने अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, टेस्टिंग किट और वैक्सीन की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि, कोरोना का लेटेस्ट वैरिएंट “केवल एक सामान्य इन्फ्लूएंजा जैसा है.”
नए वैरिएंट के लक्षण
रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ एशिया में JN.1 वैरिएंट (ओमिक्रॉन का एक सब-वैरिएंट) के फैलने की वजह से कोविड मामलों में उछाल आया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह वैरिएंट काफी “एक्टिव” है. लेकिन इसे अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने “चिंताजनक वैरिएंट” के रूप में चिन्हित नहीं किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस नए वैरिएंट के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और संक्रमित व्यक्ति चार दिनों के भीतर ठीक हो जाता है. कुछ सामान्य लक्षणों में बुखार, नाक से पानी आना, गले में खराश, सिरदर्द, थकान शामिल हैं.
उत्तराखंड से एक बार फिर कोरोना वायरस को लेकर चिंताजनक खबर सामने आई है। राज्य में दो नए कोविड-19 संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। ये दोनों व्यक्ति हाल ही में बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आए थे। स्वास्थ्य विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सतर्कता बढ़ा दी है।जानकारी के अनुसार, दोनों संक्रमित लोगों में कोरोना के हल्के लक्षण पाए गए थे। जब उनकी जांच की गई, तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है और लगातार निगरानी की जा रही है। उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर उनके भी सैंपल लिए जा रहे हैं।स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि अभी हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं, लेकिन लोगों को सावधानी बरतनी जरूरी है। राज्य के सभी जिलों में अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि वे भीड़भाड़ से बचें, मास्क पहनें और हाथ धोने की आदत को फिर से अपनाएं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव ने एक एडवाइजरी जारी की
इसमें बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन की सप्लाई, दवाइयों और वैक्सीन के बारे में जानकारी दी गई है। सभी उपकरण, जैसे वेंटिलेटर, Bi-pap मशीन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और PSA प्लांट चालू रहने चाहिए. कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए और हर दिन इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म पर मामलों की रिपोर्ट देनी जरूरी है।
हर दिन की जानकारी राज्य के हेल्थ डेटा मैनेजमेंट पोर्टल पर भेजनी होगी। टेस्टिंग भी पर्याप्त होनी चाहिए. टेस्टिंग के लिए, 5% इन्फ्लूएंजा जैसे मामलों और सभी गंभीर सांस के मामलों को शामिल किया जाना चाहिए।
एडवाइजरी में कहा गया है कि पॉजिटिव सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लोक नायक अस्पताल भेजना होगा। इससे पता चलेगा कि वायरस का कौन सा रूप है. इसकी रिपोर्ट राज्य निगरानी इकाई को देनी होगी। मेडिकल सुविधाओं में मास्क पहनना जरूरी है। सांस से जुड़े नियमों का पालन करना भी अनिवार्य है।सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी में साफ कहा गया है, ‘अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, अन्य दवाओं और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी. सभी उपकरण जैसे वेंटिलेटर, बीआई-पीएपी, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और पीएसए (प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन) चालू स्थिति में होने चाहिए.’
एडवाइजरी के अनुसार, समर्पित कर्मचारियों को रिफ्रेशर प्रशिक्षण दिया जा सकता है और सभी स्वास्थ्य सुविधाओं (ओपीडी/आईपीडी) में इन्फ्लूएंजा जैसी रोग (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों की दैनिक रिपोर्टिंग इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (आईएचआईपी) पोर्टल पर सुनिश्चित की जानी चाहिए. पुष्टि किए गए इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 मामलों को भी आईएचआईपी पर एल फॉर्म के तहत दर्ज किया जाना चाहिए.
थाईलैंड ही चीन, हांगकांग, सिंगापुर में भी बढ़े मामले
राजधानी दिल्ली में भी 23 एक्टिव मामले चल रहे हैं. इसी तरह कर्नाटक में 9 महीने के बच्चे को कोरोना हो गया है तो उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कोरोना के 4 नए मामले सामने आए हैं. देश में इस समय कोरोना के 257 मामले हैं. जिसमें केरल (95), तमिलनाडु (66) और महाराष्ट्र (56) 3 सबसे प्रमुख राज्य हैं.
इसी तरह थाईलैंड में स्थिति खराब होती दिख रही है, यहां पर महज एक हफ्ते में कोरोना के 50 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए हैं. स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन XEC वेरिएंट (Omicron XEC variant) की वजह से कोरोना के मामलों में उछाल आया है, खास बात यह है कि अभी यह चरम पर नहीं पहुंचा है. इसके अलावा चीन, हांगकांग और सिंगापुर में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं.
2 से 3 महीने तक रहेगी ये लहर
डिपार्टमेंट ऑफ डिसीज कंट्रोल के प्रवक्ता जुराई वोंगसावत के अनुसार, 11 से 17 मई के बीच देशभर में 49,065 नए मामले दर्ज किए गए, जबकि 18 मई से अब तक 12,524 नए मामले सामने आए हैं. बैंकॉक पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ओमिक्रॉन के हाल के सबवैरिएंट XEC को वृद्धि का मुख्य कारण माना जा रहा है, जो मौसमी इन्फ्लूएंजा की तुलना में सात गुना तेजी से फैलता रहा है.
हालांकि, बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन और एंटी-वायरल ट्रीटमेंट की वजह से मृत्यु दर काफी कम है और यह करीब 0.02% बनी हुई है. हालांकि अधिकारी जनता से लगातार अनुरोध कर रहे हैं कि वे कमजोर समूहों, जैसे कि बुज़ुर्गों, पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों, गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों की सुरक्षा में मदद करें. सांस संबंधी दिक्कतों का सामना करने वाले लोग घरों पर ही बने रहे.
कहा जा रहा है कि वर्तमान लहर के 2 से 3 महीनों तक जारी रहने की उम्मीद है, हालांकि अगर लोग इस मामले सतर्कता बरतते हैं तो कोरोना के मामलों में जल्द ही कमी भी आ सकती है. थाईलैंड सरकार मई और अगस्त के बीच कमजोर लोगों के लिए फ्री में वैक्सीनेशन शुरू कर रहा है, जबकि बूस्टर डोज मुफ्त में नहीं होंगे.