
राकेश सोनी /सीधी मध्यप्रदेश
#सीधी_शहर
मधुसूदन होटल (पैलेस) में भारतीय जनता पार्टी जिला के द्वारा आपातकाल – लोकतंत्र का काला दिवस की गोष्ठी का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यदुनाथ सिंह जी (मीसाबंदी) एवं अध्यक्ष के रूप में भाजपा जिलाध्यक्ष देवकुमार सिंह
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री मगलेश्वर सिंह चौहान जी,भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष श्री इंद्र शरण सिंह चौहान उपस्थित रहे
#आपातकाल_काला_दिवस
भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस “आपातकाल”
25 जून 1975
क्रन्तिगीत
जयप्रकाश का बिगुल बजा तो, जाग उठी तरुणाई है। तिलक लगाने तुम्हें जवानों, क्रान्ति द्वार पर आई है।
आज चलेगा कौन देश से, भ्रष्टाचार मिटाने को।
बर्बरता से लोहा लेने,
सत्ता से टकराने को।
आज देख लें कौन रचाता, मौत के संग सगाई है। तिलक लगाने तुम्हें जवानों क्रांति द्वार पर आई है।
पर्वत की दीवार कभी क्या,
रोक सकी तूफ़ानों को ?
क्या बन्दूकें रोक सकेंगी,
बढते हुए जवानों को?
चूर – चूर हो गयी शक्ति वह, जो हमसे टकराई है।
तिलक लगाने तुम्हें जवानों क्रांति द्वार पर आई है।
लाख़ लाख़ झोपडियों में तो, छाई हुई उदासी है।
सत्ता-सम्पत्ति के बंगलों में,
हंसती पूरणमासी है।
यह सब अब ना चलने देंगे,
हमने कसमें खाई है।
तिलक लगाने तुम्हें जवानों,
क्रांति द्वार पर आई है।
सावधान, पद या पैसे से,
होना है गुमराह नही।
सीने पर गोली खा कर भी, निकले मुख से आह नही।
ऐसे वीर शहीदों ने ही, देश की लाज बचाई है। तिलक लगाने तुम्हें जवानों,
क्रांति द्वार पर आई है।
आओ कृषक, श्रमिक, नगरिकों, इंकलाब का नारा दो।
कविजन, शिक्षक, बुद्धिजीवियों, अनुभव भरा सहारा दो।
फ़िर देखें हम सत्ता कितनी, बर्बर है बौराई है।
तिलक लगाने तुम्हें जवानों, क्रान्ति द्वार पर आई है।
जयप्रकाश का बिगुल बजा तो,
जाग उठी तरुणाई है।