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लखीमपुर खीरी। पढ़ाई के नाम पर चंदनचौकी से दिल्ली ले जाई गईं थारू जनजाति की 42 बालिकाओं-किशोरियों को दिल्ली की बाल कल्याण समिति

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राहुल मिश्रा की रिपोर्ट लखीमपुर खीरी

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लखीमपुर खीरी। पढ़ाई के नाम पर चंदनचौकी से दिल्ली ले जाई गईं थारू जनजाति की 42 बालिकाओं-किशोरियों को दिल्ली की बाल कल्याण समित (सीडब्ल्यूसी) ने छुड़ाया है। इनमें से 27 किशोरियों को सत्यपान के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। इन्हें कौन सी संस्था कब दिल्ली ले गई, फिलहाल इसका उत्तर किसी अधिकारी के पास नहीं है। जनजाति विभाग और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने भी अनभिज्ञता जताई है।
18 अप्रैल को इन लड़कियों के बारे में जानकारी सामने आने के बाद सीडब्ल्यूसी टीम ने एक हफ्ते पहले उन्हें न्यायालय के आदेश पर दिल्ली के साउथ क्षेत्र से रेस्क्यू किया। इनकी उम्र 10 से 17 वर्ष के बीच बताई गई है।स्थानीय समिति के मुताबिक दिल्ली में जहां ये लड़कियां रह रही थीं, वहां इन्हें ठहराने की कोई अनुमति नहीं थी। न ही वहां ठहराने लायक व्यवस्थाएं थीं।

दिल्ली की सीडब्ल्यूसी टीम ने सभी को अपने संरक्षण में लेने के बाद 27 लड़कियों को बीते मंगलवार को लखीमपुर जिले की टीम के सुपुर्द किया। 10 लड़कियों को दिल्ली के सरकारी संरक्षण गृह में रखा गया है। बाकी पांच के बारे में अफसर नहीं बता पा रहे हैं कि वे कहां हैं। न ही यह जवाब है कि जिले में पढ़ाई-लिखाई की समुचित व्यवस्था होने के बाद भी इन लड़कियों को बाहर क्यों भेजा गया। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने 27 लड़कियों को उनके माता-पिता के सुपुर्द किए जाने की पुष्टि की है।

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