
श्रीगंगानगर, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड आठवीं से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा और उत्सुकता बनाए रखने के लिए एक विज्ञान चुनौती का आयोजन कर रहा है। 10 अप्रेल से शुरू हुए इस साइंस चैलेंज में प्रतिभागी बनने के लिए इच्छुक विद्यार्थियों को 19 अप्रैल तक सीबीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। एक बार चैलेंज में शामिल होने के बाद छात्रों को सभी कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका मिलेगा। वहीं सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों द्वारा पंजीकृत होने के बाद उन्हें रजिस्ट्रेशन आईडी प्राप्त होगी जिसका उपयोग छात्रों को मंच पर चुनौती के लिए करना है। यह प्रतियोगिता दो चरणों में आयोजित की जाएगी। एक स्कूल स्तर जबकि और दूसरी इंटर स्कूल स्तर पर आयोजित होगी। अंतिम तिथि के नजदीक भीड़ से बचने के लिए सीबीएसई ने सभी स्कूलों को जल्द से जल्द पंजीकरण के लिए निर्देशित किया है।
– प्रत्येक कक्षा से चुने जाएंगे 2 विद्यार्थी
इस चुनौती के प्रथम चरण में छात्रों को पंजीकरण करना आवश्यक होगा। बोर्ड द्वारा 22 अप्रैल को एमसीक्यू के साथ एक साइंस चैलेंज पेपर पंजीकृत स्कूलों को उसी पोर्टल पर स्कोरिंग मानदंड के साथ उपलब्ध कराया जाएगा। स्कूल अपने पंजीकृत छात्रों के लिए चुनौती का आयोजन करेगा जिसके द्वारा प्रत्येक कक्षा से 2 और कुल 6 विद्यार्थियों की पहचान की जायेगी। भाग लेने वाले छात्रों का कार्य गति और सटीकता दोनों पर केंद्रित रहेगा।
-चयनितों को मिलेगा पुरस्कार
द्वितीय चरण के तहत प्रत्येक संबद्ध स्कूल में पंजीकृत विद्यार्थियों के लिए बोर्ड द्वारा एक कंप्यूटर-आधारित विज्ञान चुनौती आयोजित की जाएगी। इसमें केवल वे स्कूल हिस्सा ले सकेंगे जिन्होंने पहला चरण पूरा कर लिया है। यह चैलेंज मई माह में विद्यार्थियों को पोर्टल पर पंजीकरण सुविधा प्रदान करेगा। जिसमें चयनित विद्यार्थियों के पास पुरस्कार जीतने का अवसर रहेगा।
*महत्वपूर्ण तिथियां*
प्रथम चरण की अंतिम तिथि=19,अप्रेल
पहले चरण का पेपर= 22-26, अप्रेल
द्वितीय चरण की अंतिम तिथि= 7, मई
दूसरे चरण का आयोजन= 13-17, मई 2024
“सीबीएसई साइंस चैलेंज में 8वीं से 10वीं कक्षा तक के विद्यार्थी हिस्सा ले सकते हैं। इसके लिए नि:शुल्क पंजीकरण स्कूल स्तर पर किया जाएगा। हिंदी और अंग्रेजी में होने वाले इस चैलेंज में चयनित विद्यार्थियों को पोर्टल से जारी ऑनलाइन प्रमाणपत्र दिया जायेगा।”- भूपेश शर्मा, जिला समन्वयक, विद्यार्थी परामर्श केंद्र, श्रीगंगानगर*