
रिपोर्टर मनमोहन गुप्ता कामां 9783029649
*भागवत कथा में सुदामा चरित्र में भावविभोर हुए श्रोता राधे नाम के संकीर्तन से गुंजायमान हुआ केदारनाथ धाम
डीग जिले के कस्वा कामवन क्षेत्र के केदारनाथ धाम के पवित्र प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिवस की कथा में नितिन तमोलिया द्वारा भागवत एवं व्यास पूजा करने पश्चात कथा में जरासंध वध, सुदामा चरित्र की कथा श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा संग अर्जुन के विवाह प्रसंग भस्मासुर की वध प्रसंग नौ योगेश्वर की कथा भगवान श्री कृष्ण के धाम गमन की लीला एवं भागवत नाम का महत्त्व का वर्णन किया।
पण्डित रामजीलाल शास्त्री ने कहा की सखा हो तो भगवान श्री कृष्ण जैसा होना चाहिए सुदामा की दीन एवं दरिद्रता की स्थिति में जब सुदामा के पास अन्न का एक दाना भी प्रसादी के लिए नहीं था उस समय भगवान श्री कृष्ण ने अपने मित्र धर्म का पालन कर अपने सखा की दरिद्रता का हरण कर लिया। इस प्रसंग को सुन समस्त श्रोता भावविभोर हो गए। देव पूजन व हरि गुणगान से सभी कष्ट मिट जाते हैं।
कथा के अन्तिम दिवस पर कथा के समापन पर कथा व्यास श्री रामजीलाल शास्त्री जी एवं साथ पधारे परमपूज्य ब्राह्मण देवों का पूजन कर ससम्मान श्रद्धानुसार भेंट प्रदान कर भाव पूर्ण विदा किया। इस अवसर पर जगन्नाथ मंदिर भागवत कमेटी के सदस्य उपस्थित रहे।