
रिपोर्टर मनमोहन गुप्ता कामां 9783029649
डीग जिले के कस्वा कामां में एक बार फिर उठी कामां नहीं कामवन चाहिए की मांग,पँचकोसी परिक्रमा में सुनाई दी गूंज
घेरे वाली चामड़ मन्दिर पर किया गया अभिनंदन
भाद्रपद मास में कामवन के समस्त तीर्थो व मंदिरों की वंदना करते हुए पंच दिवसीय पंचकोसी परिक्रमा का आयोजन प्रतिवर्ष होता है इसी क्रम में आज तीसरे दिवस ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग स्थित घेरे वाली चामड़ माता मंदिर प्रांगण में अंतिम पड़ाव पर कामां नहीं कामवन चाहिए की मांग से परिक्रमार्थियों ने वातावरण गुंजायमान कर दिया।
मन्दिर समिति के अध्यक्ष राधाशरण पुजारी के अनुसार प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी पंचकोसी परिक्रमा का चामड़ मंदिर प्रांगण में आगमन हुआ तो मंदिर महंत श्यामसुंदर दास महाराज द्वारा ठाकुर जी की आरती उतारी गयी। हजारों लोगों की उपस्थिति में कामवन के महत्व का वर्णन मुख्य कथावाचक विष्णु कौशिक ने करते हुए कहा कि यह भव्य दिव्य और पौराणिक नगरी है जहां भगवान श्री कृष्ण के पद चिन्ह आज भी जीवंत दिखाई देते हैं शास्त्रों में इस नगरी का उल्लेख कामवन के नाम से मिलता है। उपस्थित जन समुदाय कामां नहीं कामवन चाहिए सरकार के नारे लगाना लगा। कार्यक्रम का संचालन संजय जैन बड़जात्या द्वारा किया गया। इस अवसर पर मंदिर समिति के पदाधिकारीओं ने मुख्यब थावाचक व सहयोग कर्ताओं विष्णु कौशिक, जुगनू पंडा, कन्हैया झंडेवाला, अमर, रिंकू अरोड़ा, ब्रज गुर्जर,राजू अरोड़ा, भोपा बाबा, बनवारी सोनी, ताराचंद यादव एवं पुलिसकर्मी पप्पू सैनी का सम्मान भी किया गया।चामड़ मन्दिर में चल रहे निमार्ण कार्यो व जायन्ट्स द्वार को देखकर परिक्रमार्थी प्रसन्नता करने लगे। इस अवसर पर हजारों यात्रियों सहित मुरारी लाल मीणा, लालाराम, खेमेन्द्र शर्मा,खेमराज मातुकी वाले,सुरेश सोनी,बिशन मीणा, रमेश पंडित, मुरारी मीणा, छिद्दू मीना, महेश रायपुरिया, जीवन खंडेलवाल, अशोक मीणा,डॉक्टर सुरेश, अशोक मीणा, बच्चु मीना बिरजू मीना, मनोज गोयल,राजू सैनी फूलसिंह सैनी आदि उपस्थित रहे।