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बागवानी पर किसान-वैज्ञानिक नवाचार परिचर्चा का आयोजन

*बागवानी पर किसान-वैज्ञानिक नवाचार परिचर्चा का आयोजन*

डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र मशोबरा में मंगलवार को किसान वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से 50 से अधिक प्रगतिशील बागवानों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डॉ. संजीव चौहान ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बागवानों और विश्वविद्यालय के बीच के संपर्क को मजबूत करना और गाँव-गाँव में प्रगतिशील किसानों को तैयार करना है ताकि वे अपने क्षेत्र के किसानों तक नवीन कृषि तकनीक के प्रसार में मदद करे।

विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य और प्रगतिशील किसान डिंपल पांजटा ने इस अवसर पर कहा कि बागवानी के विकास में विश्वविद्यालय की भूमिका अहम है। उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियां से निपटने के लिए किसान-बागवानों को एकजुट होकर विश्वविद्यालय के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने क्लीन प्लांटिंग सामग्री की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया और किसानों को आगे आकार इस विषय में विवि के साथ कार्य करने का आग्रह किया।

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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अटारी ज़ोन-1 लुधियाना में प्रधान वैज्ञानिक डॉ राजेश राणा ने अंतराष्ट्रीय स्थर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए उच्च घनत्व बागवानी को अपनाने पर बल दिया। कॉमन फैसिलिटी सेंटर स्थापित करने पर बल देते हुए डॉ राणा ने पब्लिक प्राइवेट साझेधारी को इस क्षेत्र का भविष्य बताया।

प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने तकनीक और ज्ञान के सुचारू प्रसार के लिए बागवानों से संगठित होने का आवाहन किया। ताकि वे प्रसंस्करण से मूल्य वर्धित उत्पाद बनाकर विपणन कर अपने समूह के लिए अच्छी आय अर्जित कर सके। क्लीन प्लांटिंग मटिरियल के विषय पर उन्होंने किसानों को जागरूक होने और सही नर्सरी चुनने का सुझाव दिया। उन्होंने प्राकृतिक कृषि को अपनाने और अपने क्षेत्र के अनुसार सही फल और सही क़िस्मों के चयन पर ज़ोर दिया। प्रो. चंदेल ने सभी प्रतिभागियों से भविष्य के लिए विश्वविद्यालय की अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों की योजना बनाने के लिए अपने सुझाव देने का आग्रह किया।

इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र रोहड़ू की प्रभारी डॉ. उषा शर्मा ने प्राकृतिक खेती में अनुसंधान से निकले परिणामों पर जानकारी साझा की। मशोबरा केंद्र में फल वैज्ञानिक डा. नीना चौहान ने हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के अंतर्गत सेब में सघन खेती में हो रहे अनुसंधान एवं विकास कार्यों पर प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम के दौरान प्रगतिशील बागवानों ने बागवानी से सम्बन्धित अपने अनुभव तथा नवाचार साझा किए। इस सत्र की अध्यक्षता विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ इंद्र देव ने की। सत्र के दौरान अनुसंधान निदेशक डा. संजीव चौहान ने परिचर्चा में वैज्ञानिकों तथा बागवानों द्वारा निकाले गए निष्कर्षों के आधार पर भविष्य में अनुसंधान तथा प्रसार का खाका तैयार करने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रयोगशालाओं तथा केन्द्र का दौरा भी करवाया गया। केन्द्र के सह-निर्देशक डा० दिनेश सिंह ठाकुर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस परिचर्चा में अनुसंधान एवं विस्तार परिषद के सदस्य, विश्वविद्यालय व केंद्र के वैज्ञानिक, बागवानी विभाग परियोजना की टीम लीडर डॉ प्रबल चौहान एवं बागवानी विभाग के अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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