
*एक माह बीत जाने के पश्चात एंबुलेंस के फर्जी चक्कर लगाने के मामले में अभी जांच अधूरी*
अंबेडकरनगर
गर्भवती को लाने और ले जाने के लिए नि:शुल्क 102 एंबुलेंस के अलावा घायलों व गंभीर मरीजों अस्पताल पहुंचाने वाली 108 एंबुलेंस सेवा में फर्जीवाड़ा किया गया। गर्भवती को लाने और ले जाने के लिए नि:शुल्क 102 एंबुलेंस के अलावा घायलों व गंभीर मरीजों अस्पताल पहुंचाने वाली 108 एंबुलेंस सेवा में फर्जीवाड़ा किया गया। जीवीके संस्था से संचालित जिले में जिला चिकित्सालय के साथ स्वास्थ्य केंद्रों पर कुल 58 एंबुलेंस संचालित हो रही हैं। मरीजों व घायलों को जिला चिकित्सालय एवं नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचाने के लिए 26 एंबुलेंस 102, 26 एंबुलेंस 108 तथा चार एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस संचालित हैं।एंबुलेंस को फर्जीवाड़ा कर दौड़ाया गया और इसी के नाम पर डीजल और मरम्मत दिखाकर लाखों रुपए किया गया है।भले ही अम्बेडकर नगर जिले में कराई जा रही जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई है, लेकिन यह जांच कब पूरी होगी यह भविष्य के गर्भ में है, जबकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा बनाए गए तीन सदस्यीय पैनलों से जांच होकर सीडीओ के माध्यम से जिलाधिकारी को जानी थी परंतु एक बार रिपोर्ट भेजे जाने के पश्चात फिर दुबारा जांच के लिए भेजा जाना बना पहेली का विषय।फिलहाल जांच की शुरुआत होने को लेकर अभी खलबली की सुगबुगाहट नजर आ रही है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच नहीं की गई और स्थानीय स्तर पर जांच सिर्फ कुछ कर्मचारियों को निलंबित करने तक ही सीमित न रह जाए यह लोगों द्वारा नाम न छापने की शर्त पर कहा जा रहा है।
*इस तरह होता है फर्जीवाड़ा*
_______एंबुलेंस के संचालन में
एंबुलेंस के फर्जी चक्कर लगाने के मामले में खबर प्रकाशित हुई है कि एम्बुलेंस के फेरे में अनियमितता बरती गई है इसकी पुष्टि जांच से लगभग हो चुकी है। जांच टीम में शामिल अधिकारियों ने तीन आशाओं, पांच एंबुलेंस कर्मियों व अन्य 10 लोगों के बयान दर्ज कर रिपोर्ट तैयार की है।जब कोई केस अस्पताल में पहुंचता है तो वहां पीसीआर (प्रीमेडिकल केयर रजिस्टर) में दर्ज होता है। ओपीडी का पर्चा बनवाने तक की जिम्मेदारी एंबुलेंस कर्मी की होती है। अस्पताल के पीसीआर रजिस्टर पर केंद्र के आकस्मिक चिकित्साधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं। स्वास्थ्य केंद्रों से हर महीने पूरा रिकार्ड मुख्य चिकित्साधिकारी के यहां भेजा जाता है। सीएमओ दफ्तर से यह रिकार्ड कंपनी को सौंप दिया जाता है। इसके बाद कंपनी को निर्धारित भुगतान किया जाता है।
*क्या बोले सीएमओ*
एंबुलेंस के फर्जी चक्कर लगाने के मामले में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से टेलीफोन से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि चुनाव के चलते अभी जांच पूरी नहीं हो पाई है जब यह पूछा गया क्या अभी जांच नहीं पूरी हो पाई है उन्होंने बताया कि चुनाव की वजह से जांच पूरी नहीं हो पाई है चुनाव बाद जांच पूरी कर फाइल जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी।
*कार्यवाही के नाम पर कहीं बजाया तो नहीं जा रहा झुनझुना*
लगभग माह भर से चल रही जांच प्रक्रिया में अभी तक जांच रिपोर्ट कंप्लीट ना हो पाना और और किसी भी प्रकार की कार्यवाही जिम्मेदार कंपनी के ऊपर ना होना आम जनमानस के मन में संशय पैदा कर रहा है की कही एंबुलेंस के फर्जीवाडे की जांच ,कार्यवाही होने के बजाय जांच तक ही न सीमित रह जाए।