
कौशिक नाग-कोलकाता-दिल्ली में इजहार, बंगाल में तकरार, जानें ममता पर क्यों सॉफ्ट हैं राहुल-खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान ने राष्ट्रीय राजनीति में नए समीकरण का संकेत दिया है. खरगे ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के बयान का समर्थन किया और बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर चौधरी को जमकर फटकार लगाई है.लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन के गठन में अग्रणी भूमिका निभाने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीटों के बंटवारे पर मतभेद के बाद कांग्रेस से किनारा कर लिया था और राज्य की सभी 42 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था. ममता बनर्जी के रवैये के बाद बंगाल में कांग्रेस-लेफ्ट के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. इस तरह से बंगाल में अधिकतर लोकसभा सीटों पर तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस-लेफ्ट और भाजपा के बीच त्रिकोणिय मुकाबला हो रहा है. लेकिन बंगाल में एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने के बावजूद ममता बनर्जी ने अपना स्टैंड क्लीयर रखा है कि बंगाल कांग्रेस से उनकी लड़ाई है, लेकिन दिल्ली में वो इंडिया गठबंधन के साथ हैं.तृणमूल कांग्रेस के मेनिफेस्टो में पहले इंडिया गठबंधन सरकार के गठन की बात कही गयी, तो हाल में हुगली के चुनावी सभा में ममता बनर्जी ने ऐलान कर दिया है कि दिल्ली में इंडिया गठबंधन के सरकार के गठन में वह मदद करेंगी और सरकार को बाहर से समर्थन देंगी. ममता बनर्जी के इस बयान के बाद सियासी जगत में भूचाल आ गया और इसके अलग-अलग मायने लगाये जाने लगे.लेकिन शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान ने राष्ट्रीय राजनीति में नए समीकरण का संकेत दिया है. खरगे ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के बयान का समर्थन किया और बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर चौधरी को जमकर फटकार लगाई और साफ कर दिया है कि पार्टी की नीतियों के संबंध में कोई भी फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व लेगा. यदि कोई इससे सहमत नहीं है, तो वह पार्टी से अलग हो सकता है. पहले ममता बनर्जी के बयान और अब खरगे के बयान से साफ है कि कांग्रेस नेतृत्व ममता बनर्जी को नाराज नहीं करना चाहता है, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद यदि केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार की संभावना बनती है, तो उसमें तृणमूल कांग्रेस के समर्थन की जरूरत कांग्रेस को अवश्य होगी. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान तृणमूल कांग्रेस से समर्थन का विकल्प खुला रखना चाहती है.लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस न्याय यात्रा के दौरान उत्तर बंगाल का दौरा किया था, हालांकि राहुल गांधी ने न्याय यात्रा के दौरान तृणमूल कांग्रेस पर कोई टिप्पणी नहीं की थी, लेकिन ममता बनर्जी ने राहुल गांधी के दौरे पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि इंडिया गठबंधन की भागीदार होने के बावजूद उन्हें राहुल गांधी की यात्रा की कोई जानकारी नहीं दी गई थी. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना भी साधा था. शायद ममता बनर्जी की नाराजगी के भय से ही पश्चिम बंगाल में न तो राहुल गांधी, न ही प्रियंका गांधी और न ही मल्लिकार्जुन खरगे ने कोई चुनावी सभा की है, जबकि कांग्रेस राज्य की 12 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और लेफ्ट के साथ अघोषित समझौता भी हुआ है. ऐसे में साफ है कि कांग्रेस नेतृत्व ममता बनर्जी को नाराज नहीं करना चाहती है.अधीर चौधरी के नेतृत्व वाली प्रदेश कांग्रेस ममता बनर्जी का लगातार विरोध कर रही है. वहीं, अखिल भारतीय कांग्रेस ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वह ममता बनर्जी को ‘इंडिया’ का भागीदार मानती है. खरगे ने कहा कि चुनाव के बाद सरकार के गठन में क्या होगा या नहीं, यह तय करने वाले अधीर कोई व्यक्ति नहीं हैं. इसका फैसला हाईकमान करेगा. खरगे ने निवर्तमान लोकसभा कांग्रेस नेता अधीर चौधरी को चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘या तो हमें हाईकमान की बात माननी होगी, उनके फैसले का पालन करना होगा, या फिर हमें बाहर जाना होगा.’ उन्होंने कहा, ”ममता बनर्जी ने सबसे पहले बाहर से समर्थन की बात कही. बाहरी समर्थन कोई नई बात नहीं है. पहली यूपीए सरकार को भी वामपंथियों ने बाहर से समर्थन दिया था. लेकिन इसके बाद ममता का एक और बयान आया. इससे यह साफ हो गया है कि वह ‘इंडिया गठबंधन’ में हैं और सरकार बनने पर उसमें शामिल होंगी.लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए ममता ने पिछले बुधवार को कहा था, ”हम बाहर से पूरी मदद के साथ इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करते हुए सरकार बनाएंगे, ताकि बंगाल में मेरी मां-बहनों को 100 दिन के काम में कोई दिक्कत न हो. वे बाहर होंगे. सरकार को बाहर से सहयोग मिलेगा. ” इसके 24 घंटे के भीतर, ममता बनर्जी ने गुरुवार को तमलुक की सभा में कहा, अखिल भारतीय स्तर पर, हमने विपक्षी गठबंधन इंडिया का गठन किया. हम गठबंधन में रहेंगे. कई लोगों ने मुझे गलत समझा है. मैं उस गठबंधन में हूं. मैंने वह गठबंधन बनाया. मैं गठबंधन में रहूंगी. यहां कोई सीपीएम नहीं है. यहां कोई कांग्रेस नहीं है. लेकिन अखिल भारतीय स्तर पर हम गठबंधन में रहेंगे. गलतफहमी की कोई गुंजाइश नहीं है. गलत सूचना फैलाई जा रही है.”हालांकि ममता बनर्जी ने कहा था कि उनका बंगाल में लेफ्ट-कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है, लेकिन ममता ने साफ कर दिया कि अखिल भारतीय स्तर पर ऐसा नहीं है. ममता की टिप्पणी पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर ने कहा था, ”वह गठबंधन से भाग गयी हैं. मुझे उनकी किसी भी बात पर भरोसा नहीं है. अब देखिए हवा बदल रही है. तो वह इस दिशा में आना चाहती है, अगर उनको दिखेगा कि मार्जिन बीजेपी की तरफ भारी है तो उस तरह चली जाएंगी.”