
मलकानगिरी/नारायणपुर (ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा): ओडिशा के मलकानगिरी जिले से सटे छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिले नारायणपुर में सुरक्षा बलों को नक्सल मोर्चे पर एक बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस के समक्ष 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें 8 महिलाएं भी शामिल हैं, जो वर्षों से अबूझमाड़ के घने जंगलों में सक्रिय थीं।
पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली तेलनार, आमदई और कुतुर एरिया कमेटी से जुड़े थे। राज्य सरकार ने इन पर कुल ₹37.50 लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और सरकार की आत्मनिर्भरता आधारित पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर इन नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया। उन्होंने जंगल में जीवन के कष्ट और हिंसा को बड़ी भूल बताते हुए अब विकास की राह पर चलने की इच्छा जताई।
प्रशासन ने सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की है और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। भविष्य में उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2025 में अब तक नारायणपुर क्षेत्र में 110 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। मलकानगिरी और छत्तीसगढ़ की सीमा पर यह बदलाव सुरक्षा बलों की सक्रियता और सरकार की संवेदनशील नीति का परिणाम माना जा रहा है।
पुलिस एवं प्रशासन का संदेश:
“हिंसा छोड़ें, विकास से जुड़ें, और एक शांतिपूर्ण जीवन अपनाएं। मुख्यधारा में लौटकर खुशहाल भविष्य बनाएं।”
मलकानगिरी से सटे इन क्षेत्रों में यह आत्मसमर्पण अभियान नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति बहाली की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।