

पोरसा शहर में जलभराव की समस्या जारी है और स्थानीय लोग इससे बड़े पैमाने पर परेशान हैं
🔴 समस्यों का हाल
1. **वार्ड 7 (गंगाराम वाली गली)**नाली से निकलने वाला गंदा पानी सुबह‑शाम सड़कों पर गंदगी फैलाता है, जिससे स्कूल‑कॉलेज जाते वक्त बच्चों और बुज़ुर्गों को कीचड़ के बीच से गुजरना पड़ता है। नगरपालिका कर्मचारियों की सफाई में देरी से बदबू होती है और हालात बिगड़ते हैं ।
2. मूसलाधार बारिश के बाद की स्थितिएक तेज बारिश में अस्पताल, दुकानों और घरों में पानी घुस गया। मोहल्ले नाना स्थान जैसे अस्पताल रोड, गांधी नगर, टाउन थाना परिसर, सब्जी मंडी आदि जगहों पर जलभराव देखा गया। महामारी की स्थिति की तरह निकासी की कमी साफ दिखाई दी ।
मौसम विभाग ने आगे तेज बारिश की संभावना भी जताई है ।3. तेज बारिश से मकान ध्वस्तन सिर्फ पानी जमा होना, बल्कि भारी बारिश में मकान गिरने जैसी घटनाएँ भी हुई हैं। मने का पुरा गांव में एक मकान ढह गया, जिसमें प्रिय गृहस्थी लगभग ₹3 लाख का माल मलबे में सिमट गया । पुरुषेर सिर्फ एक वार्ड में नहीं पूरे परसा नगर पलिका में बरसात के मौसम में जल भरावक समस्या बनी हुई ह नगर पालिका पूरी तरह से आंखेंबद करके बैठी हुई नगर पालिका अधिकारी कर्मचारी जनता की समस्या से कोई लेना देना नहीं है सिर्फ स्वछता केनम पर भ्रष्टाचारी कियाज रहा है लाखों रुपए का स्वच्छता के नाम निकालकर हर साल घोटाला किए जा रहे हे 1. नगरपालिका से सतत संकल्पनालियों की नियमित सफाई के लिए वार्ड आयुक्त और पार्षद से मांग करें।बारिश आने से पहले नालियों के ढक्कन खोलकर जांच की व्यवस्था सुनिश्चित करवाएँ।2. स्थायी जल निकासी प्रणालीस्टॉर्म वाटर ड्रेनेज या पक्की ढलान भरी सड़क के निर्माण की मांग करें, खासकर गली‑नुकर और संवेदनशील स्थानों पर (स्कूल, अस्पताल, बाजार)।3. समुदाय‑सहभागिता बढ़ाएँस्थानीय निवासी मिलकर सफाई अभियान चला सकते हैं—नाली खुली करें, कचरा स्वच्छ करें और मरम्मत की सूचना साझा करें।4. प्रशासनिक शिकायतों का दायरासमस्या की लिखित शिकायत नगर पालिका, सीएमओ और जिला प्रशासन के पास भेजें, साथ में दोषों का ब्यौरा—जैसे गली का नाम, फोटो, समय—समेत।5. मौसम‑पूर्वानुमान का उपयोगबारिश की सूचना सचेत समय पर प्राप्त करने के लिए मप्र मौसम विभाग (IMD) के अलर्ट पर ध्यान दें और उससे पहले नालियों की सफाई करवा लें।6. सामूहिक आवाज उठाएँस्थानीय नेटवर्क या सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म (WhatsApp ग्रुप, Facebook पेज, जनहित याचिका) पर आवाज एकत्र करें—ताकि प्रशासन पर प्रभाव बढ़े।