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आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर दिल्ली सरकार द्वारा किया प्रदर्शनी का आयोजन

संवाददाता प्रदीप चौहान की रिपोर्ट
आज दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित सेंट्रल पार्क में आपातकाल की 50वीं बरसी के अवसर पर आयोजित विशेष प्रदर्शनी का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी,दिल्ली मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा जी के साथ मिलकर किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्रीगण श्री प्रवेश साहिब सिंह जी, श्री आशीष सूद जी, श्री कपिल मिश्रा जी, सांसद सुश्री बांसुरी स्वराज जी और वरिष्ठ कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।

यह प्रदर्शनी उस काले अध्याय की सजीव स्मृति है, जब 1975 में सत्ता के लोभ में कांग्रेस सरकार ने संविधान, लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की निर्ममता से हत्या की थी।

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आज संविधान हत्या दिवस पर उन सभी लोकतंत्र सेनानियों को कृतज्ञता और श्रद्धा के साथ नमन करते हैं, जिन्होंने जेलों की यातना सहकर, नागरिक स्वतंत्रताओं के हनन के विरुद्ध आवाज़ उठाकर और अपने जीवन को जोखिम में डालकर लोकतंत्र की लौ को बुझने नहीं दिया।

वह आंदोलन केवल राजनीतिक नहीं था, वह भारत की आत्मा की रक्षा का संग्राम था। और यही कारण है कि देश की जनता ने कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता को नकारते हुए, लोकतंत्र की पुनः स्थापना की।

यह प्रदर्शनी न केवल इतिहास का पुनर्स्मरण है, बल्कि लोकतंत्र पर हमला करने वाली मानसिकता के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि भारत का लोकतंत्र हमारी आस्था है, और जब भी उस पर कोई संकट आएगा, देश की जनता एकजुट होकर उसकी रक्षा करेगी।


भारत सरकार ने आपातकाल की याद में हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है। क्योंकि इसी दिन 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था। और इस निर्णय का उद्देश्य उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान करना है, जिन्होंने तानाशाही सरकार की असंख्य यातनाओं व उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया।

‘संविधान हत्या दिवस’ हर भारतीय के अंदर लोकतंत्र की रक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की अमर ज्योति को जीवित रखने का काम करेगा, ताकि कांग्रेस जैसी कोई भी तानाशाही मानसिकता भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न कर पाए।

एक परिवार की सत्ता बचाने के लिए लोकतंत्र को कुचल दिया गया। संविधान, मीडिया और न्यायपालिका सब बंधक बन गए। सेंट्रल पार्क में अध्यक्ष श्री विजेंदर धामा जी मयूर विहार व मदनपुर खादर वार्ड 185 के पूर्व मंडल अध्यक्ष सिमल साहनी,वर्तमान मंडल अध्यक्ष सुमित वर्मा,मदनपुर खादर वार्ड 186 मंडल अध्यक्ष योगेश भाटी,मंडल उपाध्यक्ष राजू यादव,मुनेश सिकरवार,प्रदीप चौहान भाजपा कार्यकर्ता आदि के नेतृत्व में आपातकाल की सच्चाई से अवगत कराने तथा संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाली प्रदर्शनी में शामिल हुए।

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