
राज्य सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़, संतुलित और समान अवसर प्रदान करने की दिशा में युक्तियुक्तकरण नीति लागू की गई ।इस नीति के लागू होने से पूर्व एक ओर जहाँ कुछ विद्यालयों में शिक्षक आवश्यकता से अधिक संख्या में पदस्थ थे, वहीं दूसरी ओर कई दूरस्थ गांवों के विद्यालय शिक्षक विहीन अथवा एकल शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे थे। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी और पालकों में भी निराशा व्याप्त थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत इन विषमताओं को दूर करते हुए जिले के सरायपाली विकासखंड के डोंगररक्शा, बांदुपाली, मोहगांव, पलसापाली, बंदलीमाल, गूठानीपाली, साल्हेभांटा, चारभंटा, कोइलबहाल आदि जैसे ऐसे कई विद्यालय जहाँ विगत 10 वर्षों से शिक्षक नहीं थे या केवल एक ही शिक्षक पदस्थ था, वहाँ अब आवश्यकतानुसार 2 से 3 शिक्षकों की पदस्थापना की गई है।