
शिवपुरी जिले की पोहरी जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली नोनेटा खुर्द ग्राम पंचायत के ग्रामीण इन दिनों भीषण गर्मी और पानी की भयावह किल्लत से जूझ रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि गर्भवती महिलाओं को भी रोजाना दो किलोमीटर पैदल चलकर पानी भरने जाना पड़ रहा है। पंचायत के अंतर्गत नोनेटा खुर्द,नोनेटा चक्क और टपरपूरा तीन गांव शामिल हैं, लेकिन इन तीनों गांवों के बीच केवल एक हैंडपंप ही चालू स्थिति में बचा है, जिससे ग्रामीण पीने का पानी भरने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, गांव के सभी कुएं या तो पूरी तरह सूख चुके हैं या उनमें बचा पानी बेहद गंदा है। इस गंदे पानी का उपयोग नहाने और मवेशियों के लिए किया जा रहा है, लेकिन कई बार मजबूरी में यही पानी पीना पड़ता है।
*गर्भवती महिलाओं की पीड़ा भी कम नहीं*
रौशनी आदिवासी, जो नोनेटा खुर्द गांव की रहने वाली गर्भवती महिला हैं, ने बताया कि उनके पति मजदूरी पर चले जाते हैं और देर शाम लौटते हैं। ऐसे में उन्हें ही हर दिन पानी भरने के लिए दो किलोमीटर दूर पैदल चलना पड़ता है।
महेंद्र आदिवासी ने बताया कि गांव के कुएं पूरी तरह सूख चुके हैं और एक कुएं में तले में थोड़ा-बहुत गंदा पानी बचा है। यदि किसी दिन हैंडपंप से पानी नहीं ला पाते,तो इसी गंदे पानी को पीने की मजबूरी होती है।
नोनेटा चक्क की ममता पुरी का कहना है कि पंचायत के तीनों गांवों के लोग एकमात्र हैंडपंप पर निर्भर हैं और सभी को दो किलोमीटर चलकर उसी से पानी भरना पड़ रहा है। भीषण गर्मी में यह हालात और अधिक मुश्किल बना रहे हैं।
*तीन महीने पहले हुआ बोर,पर पानी नहीं निकला*
ग्रामीणों के अनुसार,तीन महीने पहले प्रशासन द्वारा एक बोर कराया गया था। संजय ने बताया कि इस क्षेत्र में पानी लगभग 400 फीट की गहराई पर है,लेकिन पीएचई विभाग ने सिर्फ 160 फीट तक ही बोरिंग करवाई। कुछ दिन पहले विभाग ने उसी बोर में 160 फीट पर मोटर डाल दी,जिससे पानी निकलना संभव नहीं है। जब ग्रामीणों ने सवाल उठाया तो कर्मचारियों ने भुगतान पूरा करने की बात कह दी। ग्रामीणों का कहना है कि जब पानी की गहराई 400 फीट है, तो 160 फीट पर मोटर डालने का कोई औचित्य नहीं है।