
छपरा ( बिहार ) :- बिहार के स्थानीय निकाय के नियोजित शिक्षकों की 12 वर्ष की सेवा उपरांत प्रोन्नति को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा एलपीए दायर करने का विभागीय पत्र विवादों में घिरता दिख रहा है। बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के तहत राज्यकर्मी का दर्जा देने की प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन नियोजित शिक्षकों की कानूनी प्रोन्नति पर अब भी सवाल खड़े हैं।

छपरा में एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर शिक्षकों की प्रोन्नति रोकने की साजिश कर रही है। इसके लिए समय समय पर आदेश और पत्र जारी कर शिक्षकों को भ्रमित करती रहती है। 12 वर्षों की सेवा देने के बाद भी शिक्षकों को उनका हक नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले नियमावली बनाई अब कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की तैयारी की जा रही है। विभाग द्वारा बार-बार नियमावली और आदेशों से शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। जब प्रोन्नति देने का निर्णय हो चुका है, तो कोर्ट की आड़ लेकर देरी करना न्यायसंगत नहीं है।
शिक्षक नेता ने कहा कि अगर विभाग तत्काल प्रोन्नति आदेश जारी नहीं करती है, तो शिक्षक संघ राज्यव्यापी आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

ज्ञात हो कि इस मामले में संजय कुमार बनाम राज्य सरकार व अन्य के बीच पटना उच्च न्यायालय में याचिका संख्या 6391/2021 लंबित है, जिस पर पारित आदेश के खिलाफ शिक्षा विभाग ने एलपीए दाखिल करने का निर्णय लिया है।
इस मौके पर शिक्षक नेता संजय यादव,विनोद राय,निजाम अहमद,संतोष कुमार सिंह, हवलदार मांझी,फिरोज इकबाल,पीयूष तिवारी,पंकज प्रकाश,प्रकाश रमन,प्रो० रामचन्द्र बिंद,शहाबुद्दीन आलम,अनुज कुमार,प्रीतम वर्मा, मनीषा कुमारी,निर्मल पांडेय,प्रीति कुमारी,राबिया खातून,अपूर्वा आर्या,अनुज यादव,रणजीत सिंह,अनिल दास,मंटू मिश्रा,अशोक यादव,एहसान अंसारी,विनायक यादव,जिंतेंद्र राम,श्यामबाबू सिंह,बलराम यादव सहित कई शिक्षक उपस्थित थे ।