
प्रभू रामचंद्र जी को अहंकार का ज्ञान था परंतु रावण को ज्ञानी होने का अभिमान था। इतना बड़ा अंतर था राम और रावण मे। इसलिए हमारे देश मे प्रभू राम को मानने वाला का बहुत बड़ा वर्ग है। हर घर मे राम लक्ष्मण भरत जैसा भाई होना चाहिए। प्रभू राम के जीवन पर आधारित रामायण का डिजिटल रामायण के रूप मे प्रकाशन प्रशंसनीय है। डिजिटल रामायण से भारत के घर घर मे आध्यात्म और सुसंस्कारित समाज का निर्माण हो सकेगा। उक्त बाते केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी जी ने डिजिटल रामायण प्रकाशन के शुभ अवसर पर बोल रहे थे। “शेफ ऑफ डायरेक्टर दिल से”समूह की ओर से आयोजित “बोलती रामायण “के प्रकाशन के अवसर पर नितिन गडकरी जी उपस्थित थे। गडकरी जी ने कहा कि आधुनिक तकनीक का उपयोग कर तैयार किया गया डिजिटल रामायण अदभूत है। यह बोलता हुआ ग्रंथ लोगो को पसंद आयेगा। इसके प्रति युवाओ मेभी आकर्षण बढ़ेगा। डिजिटल रामायण प्रकाशन का आयोजन कालीदास सभागृह मे किया गया। इसका प्रकाशन केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी के हाथो किया गया। डिजिटल रामायण तैयार करने मे लगभग 4 वर्ष का समय लगा। इसमे लगभग 850पेजहै। 600 घंटे की ऑडियो रिकार्डिंग है। यह ग्रंथ प्रत्येक नागरिक को आकर्षित करेगा।