
कटनी, रीठी। GANESH UPADHYAY VANDE BHARAT LIVE TV NEWS KATNI MP
कटनी-बीना रेल खंड के रीठी रेलवे स्टेशन में लंबे समय से मुसाफिरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर कोविड के समय पर बंद हुई कोटा-जबलपुर ट्रेन को अब तक चालू नहीं किया गया है। खास बात तो यह है कि उक्त ट्रेन पटरी से ही गायब हो गई है। वहीं अन्य ट्रेनों के ठहराव व स्टेशन परिसर में व्याप्त अनियमितताओं के चलते क्षेत्र के वाशिंदे अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इस ट्रेन को पुन: सुचारू रूप से चलाने के लिए स्थानीय नागरिकों ने कई बार रेलवे प्रशासन व सांसद से मांग की है लेकिन अब तक इसे चालू नहीं किया गया है। बताया गया कि रेल प्रबंधन द्वारा कोविड काल में सभी ट्रेनों को बंद कर दिया गया था।
विंध्याचल का स्टाॅपेज समाप्त
हर वर्ग के लोग हो रहे परेशान
बीना, सागर, दमोह, रीठी ,कटनी, सलैया ट्रैक की कोटा-जबलपुर ट्रेन कटनी एवं जबलपुर की यात्रा के लिए महत्वपूर्ण ट्रेन थी। जो सुबह 10 बजे जबलपुर पहुंचाती थी।जिससे आम यात्री, कर्मचारी, अप डाउन कर्मचारी ,मजदूर वर्ग, क्षेत्रीय किसान वर्ग, व्यापारी वर्ग एवं स्कूली छात्र छात्राएं कॉलेज एवं अपने विद्यालय सुविधाजनक ट्रेन से सफर करते थे वो भी कम खर्च में और समय की बचत करते थे, लेकिन अब उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। वहीं रेल प्रशासन इस ओर ध्यान तक नहीं दे रहा है।
सुविधाजनक साधन था कोटा-जबलपुर ट्रेन
ग्रामीणों ने बताया कि हाईकोर्ट, जबलपुर, मेडिकल कॉलेज, कमिश्नर ऑफिस, संभाग मुख्यालय के अन्य कामों व शिक्षा के लिए जबलपुर जाने के लिए एकमात्र ट्रेन सीधा सुविधाजनक साधन था। इसी तरह शाम के वक्त जबलपुर से वापसी के लिए भी उक्त ट्रेन के आवागमन से सरलता से आम यात्री यात्रा करके अपने घर पहुंच जाता था। लेकिन आज वे अन्य ट्रेनों व बसों पर निर्भर होकर रह गए हैं। जो सीधे रीठी तक नहीं पहुंचते।
सैकड़ों लोग आते हैं मुहांस मंदिर
क्षेत्र में टूटी हड्डी जोड़ने के नाम से प्रसिद्ध संकट मोचन धाम हनुमान मंदिर मुहांस भी प्रतिदिन सैकड़ों यात्री इसी ट्रेन से आते-जाते थे। आज उन्हें भी यहां पहुंचने में परेशानी हो रही है। बताया गया कि रीठी रेलवे स्टेशन से तीन किलोमीटर की दूरी पर मुहांस मंदिर स्थित है। जहां जाने के लिए रीठी रेलवे स्टेशन उतरकर ही जाना पड़ता है। लेकिन ट्रेनों के अभाव में टूटी हड्डी वाले मरीजों को भी भटकना पड़ रहा है।
इनका कहना है –👇
रीठी से जबलपुर आने-जाने के लिए एकमात्र कोटा-जबलपुर ट्रेन का सुगम साधन था, जिसे कोविड काल के दौरान से रेलवे प्रशासन द्वारा बंद कर रखा गया है। यदि कोटा-जबलपुर ट्रेन को पुनः चालू कर दिया जाए तो क्षेत्रीय लोगों को आवागमन के लिए अच्छा साधन मिल जाएगा।
आशुतोष बर्मन, स्थानीय निवासी ।
रीठी सहित आसपास के क्षेत्रवासियों के लिए कोटा-जबलपुर ट्रेन एक अच्छा साधन था, जो बंद है। साथ ही रीठी रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन गुजरने वाली विंध्याचल ट्रेन का भी स्टाॅपेज बंद होने से यात्रियों को असुविधा हो रही है। रेल प्रशासन द्वारा कटनी-बीना रेल के रीठी रेलवे स्टेशन पर प्रमुख ट्रेनों का ठहराव करना आवश्यक है, जिससे लोगों को सुविधा हो सके।
राशु कंदेले,स्थानीय व्यवसायी।
कटनी-बीना रेल खंड के रीठी रेलवे स्टेशन में ट्रेनों के स्टाॅपेज न होने से क्षेत्रीय यात्रियों के साथ-साथ अप डाउन कर बड़े-बड़े शहरों में पढ़ाई कर रहे क्षेत्र के होनहार विद्यार्थियों को भी कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यदि रीठी रेलवे स्टेशन पर प्रमुख ट्रेनों का ठहराव हो जाता तो विद्यार्थियों के साथ लोगों को भी सुविधा मिल जाती।
*विजय पटेल* क्षेत्रीय रहवासी।