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पर्यावरण बचाने के लिए वन्य जीवों को बचाना होगा-अजय क्रांतिकारी

घायल हिरन का हाल-चाल लेने वन रेंज लालगंज पहुंचे अजय क्रांतिकारी

पर्यावरण बचाने के लिए वन्य जीवों को बचाना होगा-अजय क्रांतिकारी

प्रतापगढ़। घायल हिरन का हाल-चाल लेने वन रेंज लालगंज पहुंचे अजय क्रांतिकारी,वन्य जीव संरक्षण के लिए लोगों को किया जागरूक।                        बरीबोझ गांव के जंगल में ग्रामीणों का हिरण का बच्चा जख्मी हालत में मिला, जिसमे एक की मौत हो गई थी दूसरा जिसे बाद में वन विभाग के अधिकारियों को सौंप दिया गया। घायल हिरण का उपचार चल रहा है।जिसे देखने के लिए पर्यावरण सेना प्रमुख एवं वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो,पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार के वॉलंटियर अजय क्रांतिकारी बुधवार को लालगंज वन विभाग के वन प्रभाग पंहुचे।बताया जाता है कि बीते तेईस अप्रैल को सांगीपुर के मुरैनी व लालगंज के बरीबोझ गांव में हिरण के बच्चें ग्रामीणों को घायल मिले थे,बरीबोझ में मिलने वाला बच्चा लुप्तप्राय प्रजाति का स्पोर्टेड हिरण का बच्चा था वहीं सांगीपुर के मुरैनी में घायल मिला हिरण का बच्चा सामान्य प्रजाति का था।जिसकी सूचना विभाग को दी गई तो वन विभाग ने उसे लालगंज वन विभाग के कैम्पस में ले आये यहां एक की मौत हो गई वहीं दूसरा हिरण का बच्चा वन विभाग की देखरेख में एक कमरे में रखा गया है।उसकी कुशलता की हकीकत खंगालने बुधवार को जब पर्यावरण सेना प्रमुख अजय क्रांतिकारी वन विभाग में पंहुचे तो विभाग पहले हिरन के बच्चे से मिलने देने में आनाकानी किया क्योंकि की उसकी रखरखाव की हकीकत सामने आ जाने का भय बना हुआ था।काफी टालमटोल के बाद जब हिरण से मिलने के लिए उसके कमरे में अजय क्रांतिकारी पहुँचे तो उसकी हकीकत देख सन्न रह गए,हिरण के बच्चे को एक जर्जर भवन जिसमें काफी समय से पुराने कबाड़ भरे थे उस कमरे में जर्जर वाहन समेत कई नुकीली जर्जर लोहे के समान रखे थे कमरे मे खिड़की के पास बाल्टी रखी थी जिसमें खिड़की से पानी डाल दिया करते हैं कमरें में गंदगी का अंबार लगा हुआ था।हिरन मिलने से लेकर अब तक उपचार भी नहीं कराया गया था जगह जगह लगा घाव सूख चुका था इस बावत पशु चिकित्सा अधिकारी से हकीकत खंगालने पर पता चला कि उसका अब तक इलाज तो दूर वन विभाग ने यहां कोई भी सूचना तक नहीं दिया वहीं मृतक हिरन को चिकित्सक द्वारा पीएम अवश्य कराया गया था। इस बावत जब वन विभाग से अजय क्रांतिकारी ने लापरवाही की वजह जाननी चाही तो वन कर्मी कहने लगे साहब ये कहने वाली बात नहीं है कि यहां एक और दो वर्ष से एक हिरण मौजूद है कई बार लिखा पढ़ी किया लेकिन वह यहीं पड़ा है उसे अब तक छोड़ा नहीं गया है।इस दौरान वन विभाग कर्मचारियों में खलबली मची रही ।इस मौके पर वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो,पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय,भारत सरकार के वॉलंटियर एवं पर्यावरण सेना प्रमुख अजय क्रांतिकारी ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत वन्य जीवों के संरक्षण एवं पर्यावरण सुरक्षा हेतु लोगों को जागरूक किया।उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए वन्य जीवों को बचाना होगा।

इस मौके पर वन दरोगा त्रिभुवन नाथ तिवारी एवं रमेश मिश्रा आदि मौजूद रहे।

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