
*पीड़ित प्रवीण कुमार ने शपथ पत्र देकर फर्जी प्रधानमंत्री आवास के नाम पर निकाले रूपए को जांच करवाने मांग की*
अम्बेडकर नगर विकास खण्ड रामनगर ग्राम पंचायत मरौचा पीएम आवास योजना में जमकर हो रहा भ्रष्टाचार का गन्दा खेल पीड़ित प्रवीण कुमार ने जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी शपथ पत्र डाक द्वारा रजिस्ट्री करके जांच कराने की मांग की गौरतलाप जिले का अधिकारी का कहना है कि अगर जांच करानी है तो शपथ पत्र देना पड़ेगा फिलहाल शपथ पत्र प्रवीण कुमार ने दिया है और अब देखना यह होगा की जिलाधिकारी अविनाश सिंह मुख्य विकास अधिकारी जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे या नहीं गौरतलब है कि प्रवीण कुमार ने न्याय की आस लेकर मुख्य विकास अधिकारी एवं जिला अधिकारी से गुहार लगाया
*प्रवीण कुमार का आरोप है*
प्रवीण कुमार ने रोक लगाया है कि हमारे ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास के नाम पर सरकारी धन को गमन कर लिया गया प्रवीण कुमार का कहना यह है कि जिस महिला के नाम से पीएम आवास पास किया गया उस नाम हमारे ग्राम पंचायत में कोई महिला नहीं है विकासखंड रामनगर के जिम्मेदार अधिकारी और ग्राम सचिव ग्राम प्रधान मिलकर गंदा खेल यह खेल की आवास बना ही नहीं और पीएम आवास की तीनों किस्त निकल गया बात वही नहीं थम रही है आवाज में जो मनरेगा मजदूरी भी निकल गया आखिर इतना बड़ा फ्रॉड ग्राम सचिव और प्रधान मिलकर सरकार के धन को पलीता लगा रहे हैं। मजे की बात तो यह है।कि
रामनगर ब्लॉक में अधिकारियों की सांठ-गांठ से सब कुछ संभव है।
ग्राम मरौचा निवासी सूर्यमुखी उर्फ सूर्या देवी पत्नी हीरालाल को पीएम आवास की तीनों किस्त भुगतान।
आवास आज तक बना ही नहीं और तीनों किस्तों का पैसा भी निकल गया।
आखिरकार जीरो टारलेंस की नीति पर चल रही यूपी सरकार में यह कैसे खेल हो रहा । जहां उत्तर प्रदेश सरकार गरीबों रहने के प्रधानमंत्री आवास की जरिए छत मुहैया कराना चाह रही है वहीं सरकार के मनसूबे पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं ग्राम सचिव और ग्राम प्रधान
आखिरकार कार्रवाई से क्यों कतरा रहे जिम्मेदार अधिकारी। रामनगर ब्लॉक के अधिकारी मामले में नहीं दे पा रहे सही जवाब – जबाब देने में करते हैं टालमटोल।
भ्रष्टाचार में विडियो,एडीओ पंचायत,सेक्रेटरी एवं ग्रामप्रधान के संलिप्तता की चर्चा सरेआम हो रहा है।
*सुत्र*
मिली जानकारी के अनुसार ग्राम सचिव का प्रमोशन भी होने वाला है कहीं ऐसा तो इसलिए ग्राम सचिव के ऊपर कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं जिम्मेदार अधिकारी अगर शपथ पत्र पर जांच हुई तो यह तय है की ग्राम सचिव और ग्राम प्रधान के ऊपर लटक सकती है तलवार