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गोविन्द नगर में संघ का नरर्मदांचल सुमंगल संवाद संपन्न हुआ

संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत जी का गोविन्द नगर में हुआ आगमन

*गोविन्द नगर में संघ का नर्मदांचल सुमंगल संवाद संपन्न हुआ*
कमलेश नामदेव
नर्मदापुरम बनखेड़ी के ग्राम पलिया पिपरिया में भाऊसाहब भुस्कुटे न्यास में मध्य भारत प्रांत के ग्राम विकास तथा पर्यावरण गतिविधियों के कार्यकर्ताओं के संग ” नर्मदांचल सुमंगल संवाद” संपन्न हुआ जिसमें मध्य भारत प्रांत के चयनित सौ सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम में संघ के सरसंघचालक माननीय श्री मोहन जी भागवत एवं निवर्तमान सरकार्यवाह श्री भैया जी जोशी ने पूरे समय उपस्थित रह कर समग्र ग्राम विकास,गौ संवर्धन, जल तथा पर्यावरण के लिए प्रयास रत संस्थाओं के द्वारा किये जा रहे कार्यों के वृत्तांत को सुना।

भाऊ साहब भुस्कुटे न्यास ने संस्कार, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार, जैविक कृषि, पर्यावरण, गौ सेवा व संवर्धन आदि क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों तथा मेरा गांव मेरा तीर्थ योजना की विस्तृत जानकारी दी।

प्रांत के आदर्श प्रभात ग्राम यथा राजगढ़ जिले के ग्राम झिरी, बासौदा जिले के ग्राम झूकरजोगी तथा दतिया जिले के भरसूला गांव के कार्यों का वृत्त निवेदन हुआ। प्रयास सामाजिक समिति हरदा एवं सिवनी मालवा की पर्यावरण जैविक कृषि समिति ने अपने स्तर पर किये जा रहे प्रभावी गौ संवर्धन, वृक्षारोपण, स्वरोजगार, जैविक कृषि तथा संस्कार पक्ष पर किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया।

नर्मदा समग्र ने वीडियो के माध्यम से नदी को जीवमान इकाई माना वैज्ञानिक पद्धति से किये जा रहे कार्यों तथा राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अभी तक किये गये प्रयासों पर वीडियो प्रस्तुति दी।

माननीय भैया जी जोशी ने नदी से, भूमि से, वृक्षों से संवाद की आवश्यकता पर बल दिया और संघ से इतर भी सज्जन शक्ति के द्वारा चलाए जा रहे अच्छे कार्यों का सराहा।

सरसंघचालक श्री मोहन जी भागवत ने विकास की भारतीय परिभाषा समझाते हुए कहा कि मनुष्यता का विकास ही मनुष्य का विकास है केवल आर्थिक साधन और अधिकार प्राप्त कर लेना विकास नहीं कहलाता। उन्होंने कहा हमारे देश में हजारों वर्षों से खेती की जा रही है पर भूमि बंजर नहीं हुई पर आज की पद्धति ने अनेक देशों की खेती उजाड़ दी है। हमारी संस्कृति ने कहा है कि व्यक्ति का सुख परिवार के सुख से और परिवार का सुख गांव सुखी होने से आता है तथा गांव जनपद के और जनपद राष्ट्र के सुख से सुखी होता है। अतः हम सभी ने अपनी परंपरा का महत्व समझ समाज की सकारात्मक ऊर्जा को साथ ले ग्राम विकास और पर्यावरण के कार्य को करना ही होगा।

AKHAND BHARAT NEWS

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