
रिपोर्ट अंकुल कुमार
हरदोई। पूर्व जिलाध्यक्ष की पत्नी की मौत से गुस्साए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। भाजपाइयों ने लखनऊ-हरदोई राजमार्ग को जाम कर दिया है। सिटी मजिस्ट्रेट ने भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विद्याराम वर्मा से बदसलूकी की थी। जिससे आहत उनकी पत्नी की सदमे में मौत हो गई थी। मौके पर एडीएम और एएसपी ने पहुंचकर भाजपाइयों को मानने का प्रयास किया। जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने पूर्व जिलाध्यक्ष विद्याराम वर्मा को पानी पिलाकर धरना समाप्त कराया है।�
बताते चलें कि शनिवार को विद्याराम वर्मा के आवास पर लगा उनके पदनाम का बोर्ड आचार संहिता की बात कहकर अधिकारीयों ने उखाड़ दिया था, और उसे अपने साथ लेकर चले गए थे, जब बोर्ड को ढक देने की बात कहकर पूर्व अध्यक्ष ने बोर्ड छोड़ देने का अनुरोध किया तो अधिकारियो ने उनसे दुर्व्यवहार किया, सिटी मजिस्ट्रेट सुनील कुमार त्रिवेदी ने उन पर एफआईआर तक लिखाने की धमकी दे डाली। ये पूरा घटनाक्रम उनकी पत्नी देख रही थी, इससे आहत होकर उनकी पत्नी सदमे में मौत हो गई। विद्याराम वर्मा कई महत्वपूर्ण पदों पर भाजपा सरकार में जिम्मेदारी निभा चुके है। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा जीतू ने भाजपा को दलित और पिछड़ा विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के मंत्रियों,विधायकों और सांसद के बोर्ड लगे है,उनको हटाने की प्रशासन की हिम्मत नहीं हुई। जबकि दलित नेता का खुद की संपत्ति पर लगा बोर्ड प्रशासन ने हटवाया और अभद्रता की। जिससे उनकी पत्नी की सदमे में मौत हो गई। इस मामले में उन्होंने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।�
इसी मामले से गुस्साए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने हरदोई लखनऊ राजमार्ग को जाम कर दिया। जिसमें भाजपा के पूर्व सांसद अंशुल वर्मा,पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव रंजन मिश्र व रामबहादुर सिंह समेत सैकड़ों कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। भाजपाइयों ने सिटी मजिस्ट्रेट सुनील कुमार त्रिवेदी पर कार्रवाई की मांग की है। इसके बाद मौके पर एसडीएम और एएसपी पश्चिमी ने पहुंचकर उनको समझाने का प्रयास किया। जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने पूर्व जिलाध्यक्ष विद्याराम वर्मा को कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया है। फिलहाल इस घटना से भाजपाइयों में आक्रोश व्याप्त हैं।�