A2Z सभी खबर सभी जिले कीअन्य खबरेहरियाणा

कविता- यदि पंखों वाला होता मानव

कविता- यदि पंखों वाला होता मानव
रचयिता- डॉ. अशोक कुमार वर्मा

यदि पंखों वाला होता मानव, खुले गगन में उड़ता।
धरती की तो बात छोड़ो, अंतरिक्ष को छूता।

कर लेता नभ अपने वश में, जहां-जहां विचरता।
नाप देता व्योम को भी, अपना अधिकार जमाता
यदि पंखों वाला होता मानव……..

गगनचर की बढ़ती पीड़ा, पक्षी विवश हो जाता।
युद्ध वहां भयंकर होते, मानव से मानव भिड़ जाता।
यदि पंखों वाला होता मानव……..

अर्श का बंटवारा करके, अनंत का अंत होता।
आकाश पर खींच देता सीमाएं, जो मानव के वश होता।
यदि पंखों वाला होता मानव……..

अच्छा किया भगवान आपने, इसको पंख नहीं लगाए।
बिन पंख ही उड़ रहा द्यौ में, इसे कौन समझाए।

AKHAND BHARAT NEWS

AKHAND BHARAT NEWS

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!