
कटनी। बहोरीबंद क्षेत्र के पथराड़ी पिपरिया गांव में बिजली के झूलते तारों की चपेट में आने से 45 वर्षीय आनंद उर्फ नीरू की दुखद मौत के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला। आज सुबह 9 बजे से ही ग्रामीणों ने बहोरीबंद बस स्टैंड पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बहोरीबंद में पदस्थ जूनियर इंजीनियर (जेई) डाबर को हटा दिया है। साथ ही, पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है, जो दो दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
चक्काजाम स्थल पर एसडीएम, एसडीओपी, थाना प्रभारी सुरेंद सहित कई अधिकारी मौजूद थे। ग्रामीणों का गुस्सा मुख्य रूप से बिजली विभाग की लापरवाही भरी कार्यप्रणाली को लेकर था। उनका आरोप है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद झूलते बिजली के तारों को ठीक नहीं किया गया, जिसकी वजह से यह दर्दनाक हादसा हुआ।
बताया जाता है कि आनंद उर्फ नीरू कल शाम अपने गांव में दो खंभों के बीच से गुजर रहा था। इन खंभों के बीच बिजली के तार काफी नीचे झूल रहे थे। शाम का समय होने और अंधेरा होने के कारण युवक इन तारों को देख नहीं पाया, और तार उसके गले में फंस गए। करंट लगने से वह तड़पने लगा और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में शोक के साथ-साथ आक्रोश भी फैल गया है।
ग्रामीणों ने बहोरीबंद में पदस्थ जेई डाबर पर रिश्वतखोरी के भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मंडल के अधिकार हर काम के लिए पैसे मांगते हैं। इन्हीं आरोपों के चलते बड़ी संख्या में ग्रामीण बहोरीबंद बस स्टैंड के सामने इकट्ठा हुए और शव रखकर करीब दो घंटे तक चक्काजाम किया। जिला प्रशासन ने जेई को हटाने और एसडीएम से जांच करवाने का आश्वासन देकर ग्रामीणों का जाम खुलवाया।