
✍️✍️✍️✍️✍️अखंड भारत न्यूज़ जियाउद्दीन अंसारी
*शहडोल* जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण की त्रैमासिक बैठक कलेक्टर कार्यालय के विराट सभागार में सदस्य महिला बाल संरक्षण आयोग श्रीमती मेघा पवार एवं कलेक्टर डॉ. केदार सिंह की उपस्थिति में आयोजित किया गया। बैठक में सदस्य महिला बाल संरक्षण आयोग ने मिशन वात्सल्य अंतर्गत बाल संरक्षण सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मिशन वात्सल्य योजना के तहत बच्चा दस्तक (गोद) पर लेने हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग में पंजीकृत शासकीय, अशासकीय दस्तक ग्रहण एजेंसियो, संस्थाओ से बच्चा दस्तक लेने के लिए भारत सरकार के पोर्टल सीएआरए में पंजीकृत कराना सुनिश्चित करेें। उन्होंने कहा कि दत्तक ग्रहण के अंतिम आदेश न्यायालय द्वारा जारी किए जाते हैं। किसी भी नर्सिंग होम, अस्पतालों, निजी संस्था, थाना, पुलिस स्टेशन या किसी भी व्यक्ति से बच्चा गोद लेने की अनुमति नहीं है, यह अपराध हैं।
उन्होंने बताया कि नवजात शिशु का त्याग करने वाले बच्चों को किसी भी असुरक्षित जगह पर न फेंके न ही छोड़े, ऐसा करने से उस शिशु, बालक के जीवन को खतरा हो सकता है, ऐसे स्थिति में शिशु को फेंकने की बजाय बिना पहचान बताए पालना में छोड़ जायंे। पालना में छोड़े गये शिशु को गृह में रखकर उसका पालन पोषण योजना के अन्तर्गत किया जाता हैं। यह पालन शासकीय बालिका सम्प्रेक्षण गृह, वन स्टाफ सेन्टर, गढ़ी रोड, सोहागपुर तथा शिशु गृह बाई पास रोड के पास स्थापित हैं। ऐसे शिशु को यदि पालना में छोड़ने की स्थिति नहीं होने पर उसकी जानकारी चाइल्ड लाइन 1098 टोल फ्री नम्बर पर सूचना देकर शिशु को बचाया जा सकता हैं।
बैठक में पालन पोषण देखरेख योजना, स्पॉन्सरषिप योजना सहित अन्य कार्यों की समीक्षा की तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक दीवान, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग श्री अखिलेश मिश्रा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश मिश्रा, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग श्री आनंद राय सिंहा, अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी श्रीमती कल्याणी बाजपेई, सीडब्ल्यूसी सदस्य श्री अभिषेक चौकसे, पूर्णिमा चौधरी सहित संबंधित विभाग के अधिकारी एवं जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।