
- पटवारी पर ग्रामीणों से अवैध वसूली का आरोप
ग्रामीण कृषकों ने जयस के नेतृत्व में कलेक्टर से की शिकायत
पटवारी पर पैसे मांगने और काम में अनावश्यक विलंब करने के गंभीर आरोप लगाए
बैतूल। जिले की चिचोली तहसील के आलमपुर ग्राम के ग्रामीणों ने हल्का पटवारी ज्योति बचले पर कार्य के एवज में अवैध रूप से पैसे मांगने और पैसे न देने पर काम में अड़चन डालने का आरोप लगाते हुए जयस संगठन के प्रवक्ता डोमा सिंग कुमरे के नेतृत्व में कलेक्टर से शिकायत की है। ग्रामीणों का कहना है कि श्रीमती बचले के कार्यभार संभालने के बाद से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
आलमपुर, मोतीपुर, और जामली गांवों के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कृषि संबंधी कार्यों जैसे सीमांकन, बंटवारा, नक्शा दुरुस्ती, और जाति प्रमाण पत्र के हस्ताक्षर में पटवारी द्वारा अनावश्यक विलंब किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इन कार्यों के एवज में उनसे पैसे मांगे जाते हैं।
— अनावश्यक सीमांकन का मामला–
1 जून 2024 को, कृषक संगीता पति ओमप्रकाश चन्देलकर के खसरा नंबर 223/2/1/1 की भूमि का सीमांकन बिना किसी आवेदन के किया गया। पटवारी द्वारा मात्र 25 डिसमिल भूमि का सीमांकन कर पैसे मांगे गए। इसी तरह, 10 जून 2024 को आयोजित ग्रामसभा बैठक में सावन्या पिता जबरसिंग ने बताया कि पटवारी ने बंटवारे के लिए 5 हजार मांगे और भुगतान के बावजूद एक साल बाद भी काम नहीं हुआ।
— पैसे लेने के बावजूद कार्य अपूर्ण–
ग्रामीण सुमरत वल्द फगना ने बताया कि राजस्व रिकार्ड दुरुस्ती के नाम पर पटवारी ने 3 हजार लिए, लेकिन आज तक काम पूरा नहीं हुआ। इसी तरह, सावन्या पिता चिक्का के सीमांकन हेतु सूचना जारी की गई थी, लेकिन पैसे न देने पर उनका सीमांकन भी नहीं किया गया। ग्रामीणों ने पटवारी ज्योति बचले और उनके पति शैलेन्द्र पर ग्रामीणों से पैसे वसूलने और न देने पर धमकी देने का आरोप लगाया है। 8 जून 2024 को संगीता पति ओमप्रकाश के विरुद्ध झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि पटवारी और उनके पति अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।
— मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग–
संगठन के प्रवक्ता डोमा सिंग कुमरे ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और पटवारी ज्योति बचले और उनके पति के विरुद्ध उचित कार्यवाही करें। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिनों के भीतर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन और धरना प्रदर्शन करेंगे, और इस दौरान होने वाली किसी भी दुर्घटना या जनहानि की जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी। ज्ञापन सौंपने वालों में सरपंच श्रीमती सुल्ताना परते, प्रीति वरकड़े, रामप्रसाद यादव, सुखदेव यादव, लखन यादव, रामा परते, मुन्ना उइके, संगीता चंदेलकर, कविता सहित अन्य ग्रामीण शामिल थे।