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पहली बारिश में ही बही उम्मीदें

सवालों में घिरी 22 करोड़ की परियोजना

अखण्ड भारत न्यूज लखीमपुर खीरी से सतेन्द्र कुमार राठौर

पहली बारिश में ही बही उम्मीदें, सवालों में घिरी 22 करोड़ की बाढ़ परियोजना।

लखीमपुर खीरी।पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के चलते बनबसा बैराज से छोड़े जा रहे हजारों क्यूसेक पानी ने शारदा नदी का रौद्र रूप एक बार फिर दिखा दिया है। रविवार को शारदा नदी का जलस्तर बढ़ते ही पलिया–मैलानी रेलवे ट्रैक के पास रिसाव शुरू हो गया, जिससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। आक्रोशित किसानों ने सड़क जाम कर प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने समझाइश के बाद जाम खुलवाया और एहतियातन पलिया-मैलानी रेल सेवा को स्थगित कर दिया लेकिन इस घटनाक्रम ने एक बार फिर पलिया की जनता को पिछले वर्ष की बाढ़ त्रासदी की याद दिला दी  जब शारदा नदी के विकराल कटान से पलिया–मैलानी रेलवे ट्रैक हवा में झूलने लगा था, भीरा–पलिया मार्ग पूरी तरह कट गया था और पलिया नगर टापू में तब्दील हो गया था।पिछली बाढ़ से सबक लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलिया को बाढ़ से सुरक्षित करने के लिए 22 करोड़ रुपए की लागत से चैनलाइजेशन और ड्रेजिंग परियोजना को स्वीकृति दी थी। खुद मुख्यमंत्री, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और मंडलायुक्त रोशन जैकब ने स्थल निरीक्षण कर अधिकारियों को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य का निर्देश दिया था।परियोजना का कार्य धीमी गति से चलता रहा। किसानों ने कई बार जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर कार्य की प्रगति पर नाराजगी जताई और जांच की मांग की।अब जबकि पहली ही बारिश में शारदा उफान पर है और रेलवे ट्रैक से रिसाव शुरू हो गया है, ग्रामीणों और किसानों का आक्रोश फूट पड़ा है। वे पूछ रहे हैं कि आखिर 22 करोड़ की परियोजना का असर कहां है। और यह

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परियोजना पहली ही बारिश में फेल हो गई।  जो यह दर्शाता है कि सरकार की प्राथमिकता केवल कागज़ों पर है, ज़मीन पर नहीं। जनता के टैक्स का पैसा बह गया लेकिन बाढ़ का ख़तरा आज भी जस का तस है।

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