
प्रति,
मा. संपादक साहेब
कृपया प्रकाशनार्थ सादर
*डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर श्रमजीवी पत्रकार संघ नागपुर शहर/ग्रामीण ने परिमंडल 2 पोलिस उपायुक्त को सौपा ज्ञापन*
*पत्रकारों के साथ अभद्र, असभ्य व्यवहार करने वाले सदर पोलिस स्टेशन के पोलिस निरीक्षक मनीष ठाकरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग अमित दुबे*
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर श्रमजीवी पत्रकार संघ नागपुर शहर/ग्रामीण की और से जिल्हाध्यक्ष अमित दुबे के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने पत्रकारों के साथ अभद्र, असभ्य व्यवहार करने वाले सदर थाने नागपुर शहर के नवनियुक्त पोलिस निरीक्षक मनीष ठाकरे के खिलाफ तुरंत कार्यवाही को लेकर परिमंडल क्रमांक 2 के पोलिस उपायुक्त श्री राहुल मदने के अलावा महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री/गृहमंत्री को ज्ञापन सौंपा है जिल्हाध्यक्ष अमित दुबे ने उपायुक्त को बताया की थानेदार से कर्मचारी वर्ग हमेशा परेशान होते रहता है यह एक आम बात है मगर इस बार थानेदार के अडीयल रवैये से कुछ पत्रकार भी प्रताड़ित हुवे है जिसका जीता जागता उदाहरण है दिनाक 11 मार्च 2024 के दिन शाम के समय देखने को मिला जब कुछ पत्रकार ठाकरे से मिलने सदर थाना गए उन्हे जानकारी मिली की सदर पोलिस स्टेशन अंर्तगत निरंतर अवैध धंधे शुरू है इस बात की शिकायत, पुष्टि करने हेतु वे पोलिस निरीक्षक से मिलने प्रत्यक्ष पहुंचे तब वहा पहले से ही कुछ वकीलों का ताता लगा हुवा था उस समय वकीलों ने भी पत्रकारों से केबिन में साथ चलने का आग्रह करने पर सभी साथ अंदर गए तो पत्रकारो ने ठाकरे को पहले सदर थाने का चार्ज संभालने हेतु अभिनंदन कीया फिर सरलता पूर्वक अपना परिचय दिया और उनके साथ आए एक पत्रकार ने निरीक्षक को न्यूज पेपर की एक प्रत देते हुवे कहा की आपके एरिया में जो कुछ अवैध धंधे शुरू है उसकी रोकथाम के लिए आपका अगला कदम क्या होंगा ऐसा सवाल करने पर पोलिस निरीक्षक ठाकरे बौखला गए उस पत्रकार को अपमानित करते हुवे कहा की तू कोन है और कबसे यहा खड़ा है चल जा बाहर जाकर बैठ निकल मेरे केबिन से जोर से फटकार लगाई ऐसे अपमानजनक शब्दो का प्रयोग करते हुवे सभी के सामने जहा पहले से ही वकील और कुछ पोलिस कर्मचारी भी उपस्थित थे उन्हे अपमानित किया तब उन पत्रकारों ने ठाकरे से कहा की सर हम कोई गुंडे बदमाश नहीं है जो आप हमारे साथ ऐसा बर्ताव कर रहे हो उस समय एक वरिष्ठ पत्रकार भी वहा उपस्थित थे जिन्होंने इस बात का विरोध करते हुवे कहा की आप एक वरिष्ठ पोलिस अधिकारी हो पत्रकारों के साथ ऐसे पेश आना आपको शोभा नही देता हम पत्रकारों को कइयों बार कुछ गुप्त जानकारी प्राप्त करने हेतु पोलिस स्टेशन आना जाना पडता है मगर इसका यह मतलब कतई नहीं की आप सार्वजनिक तौर पर हमे अपमानित करे आप कहे तो हम सभी पत्रकार यहां से चले जाते है बल्कि हम में से कुछ तो यहां आपके स्वागत सत्कार करने के लिए आए है सभी अच्छे परिवार से ताल्लुक रखते है उच्च शिक्षित डिग्री धारक पत्रकार है पहले से ही क्रोधित, आगबबूला ठाकरे ने बेहद गिरे हुवे शब्दो से अभद्र, असभ्य व्यवहार कर कहा की चलो निकलो, जाओ यहां से ज्ञान मत दो ज्यादा तुम्हे यहा कीसने बुलाया मैने तो नही बुलाया था जो यहां मुझसे मिलने आ गए निकलो तुरंत दोबारा आना मत मेरे पास ऐसे अपमानजनक शब्दो का प्रयोग कहकर बार बार अपमानित करने पर प्रति उत्तर में पत्रकारों ने कहा की सर हम कोई गुंडे बदमाश नहीं बल्कि पत्रकार है जो आप हमारे साथ ऐसा अभद्र व्यवहार कर रहे हो हम इस बात की शिकायत पोलिस आयुक्त, उपायुक्त से करेगे कहते हुवे वहा से तुरंत बाहर आ गए जबकि यह सारा नजारा वहा उपस्थित आम जनता ने भी देखा उन्हे भी इस बात का दुख हुवा की पोलिस निरीक्षक ठाकरे ने पत्रकारों के साथ अच्छा व्यवहार न करते हुवे उनके साथ दुर्व्यवहार किया है पोलिस निरीक्षक द्वारा ऐसा अपमानजनक बर्ताव किए जाने पे एक पत्रकार ने तुरंत इस बात की शिकायत 112 नंबर पे करते हुवे सारी जानकारी पोलिस आयुक्त नागपुर श्री रविंद्र सिंघल के व्हाटसअप नंबर पर भेजी दी थोड़ी देर बाद पत्रकार को एक पोलिस कर्मचारी का फोन भी आया की हमारे सर थोड़ा टेंशन में होंगे शायद इसलिए उन्होंने आपके साथ अनजाने में ऐसा गलत व्यवहार कर दिया होगा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना ही एक पत्रकार का मुख्य दायित्व है उसके साथ ही गलत का खुलकर विरोध करना भी इस सारे प्रकरण का पुख्ता सबूत सीसीटीवी फुटेज में कैद है जिसमे ठाकरे का सच सामने लाने में मदत हैं मिलेगी उनका ऐसा उदंड, हठी रूप देखने से यह पता चलता है की वो गलती से एक पोलिस अधिकारी बन गए एक होमगार्ड भी उनसे हजार गुना अच्छा है क्युकी वे जनता से रोज रूबरू होते है इसके पहले भी जब ठाकरे अमरावती में थे तब उनके ऐसे ही अकडु, अडीयल रैवईये के कारण सारे स्टाफ के लोग त्रस्त थे जैसे ही उनका नागपुर तबादला हुवा तो सभी कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी जिसके कारण उन सबने लड्डू, पेडे बाटे थे ही सही मायने में देखा जाए तो उनके थाने के छोटे कर्मचारी भी उनसे ज्यादा सभ्य और शिक्षित है जिन्हे कम से कम बात करने का ढंग तो है की पत्रकार देश का चौथा स्तंभ होते है जनता और पोलिस के बिच की एक मुख्य कडी यदि ऐसे पोलिस अधिकारी हम जैसे पत्रकारों के साथ ऐसा अभद्र व्यवहार करने से बाज नहीं आते है तो थाने में आने वाले सर्वसामान्य लोगो के साथ कैसा पेश आते होंगे इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है की एक सडकछाप, झोपड़पट्टी, भाटभीकार प्रवृति के लोग भी एक सभ्य, पत्रकार लोगो के साथ ऐसा गलत बर्ताव नहीं करते जैसा व्यवहार पोलिस निरीक्षक ने हम जैसे उच्च शिक्षित पत्रकारो, समाजसेवको के साथ कीया है उनके ऐसे कृत्यों से यह तो पता चल गया की उनकी परवरिश और शिक्षा कीस दर्जे की होंगी बल्कि पत्रकारों के साथ ऐसे गलत तरीके से पेश आना अपराध की श्रेणी में आता है इसलिए ऐसे गैरजिम्मेदार पगले आजम कीस्म के पोलिस निरीक्षक जिसे मानसिक विशेषज्ञ की सख्त जरूरत है द्वारा पत्रकारों से अभद्र व्यवहार किए जाने को लेकर तुरंत योग्य कार्यवाही करे ताकी भविष्य में कोई अन्य पोलिस अधिकारी अपनी वर्दी, पद का दुरुपयोग कर पत्रकारों से बदसलुकी करने से पहले हजार बार सोचे जिससे पोलिस की धूल खाती छवि सुधरने में भी मदत मिलगी फीर भी पोलिस विभाग के और से इनपर पर कोई खास कार्यवाही ना की गई तो मजबूरन हम पत्रकारों को अनशन पर बैठना पडेगा जिसका जिम्मेदार प्रशासन होंगा ऐसी चेतावनी अमित दुबे ने दी प्रकरण की गंभीरता को देखते हुवे उपायुक्त ने जल्द से जल्द मनीष ठाकरे पर कार्यवाही का आश्वासन अमित दुबे को दिया।
इस अवसर पर सुरेद्र सिंग नागी, राहुल शेंडे, हनी खेत्रपाल, हरीश तिवारी, प्रतिक गाडवे, तिलकचंद खरपूरिया, अमित तिवारी, किशोर मोरोलिया, राहुल भिडे, इत्यादी पत्रकार संघ के पदाधिकारी भारी संख्या में उपस्थित थे।
आपका
( अमित दुबे )
मो. 9823292291
*जिल्हाध्यक्ष नागपुर शहर/ग्रामीण डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर श्रमजीवी पत्रकार संघ*