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मोदी मंत्रिपरिषद में यूपी की उपेक्षा के साथ सहयोगी दलों को मिला झुनझुना-प्रमोद तिवारी

मोदी मंत्रिपरिषद में यूपी की उपेक्षा के साथ सहयोगी दलों को मिला झुनझुना-प्रमोद तिवारी

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने मणिपुर के हिंसक हालात तथा अर्न्तराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा में गैरजबाबदेही पर जतायी नाराजगी

प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार के केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के गठन पर जतायी गयी प्रतिक्रिया में कहा है कि इसमें सहयोगी दलों को विभाग एवं संख्या के नाम पर झुनझुना पकड़ा दिया गया है। वहीं उन्होनें कहा कि मंत्रिमण्डल में उत्तर प्रदेश के साथ बदले की भावना के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि यूपी में पहले

चार कैबिनेट मंत्री थे अब इनकी संख्या घटकर राजनाथ सिंह जी के नाम पर ही अकेले रह गयी है। उन्होनें कहा कि यह देश का पहला ऐसा मंत्रिमण्डल है जिसमें एक बड़े अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व शून्य है। उन्होनें कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय की जानबूझकर की गयी उपेक्षा मोदी सरकार की शुरूआत ही विवाद और असंतोष में नजर आने लगी है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी

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ने मंत्रिपरिषद गठन पर तंज कसा है कि भाजपा का इतिहास रहा है कि उसके बुरे समय में जो भी दल उसकी मदद करते हैं या सहयोगी बनाते है वह उनका इस्तेमाल करके उन्हें खत्म कर देते हैं। उन्होनें कहा कि तेलगूदेशम पार्टी के नाम महज एक विभाग नागरिक उडडयन आया है। वहीं महाराष्ट्र में शिवसेना शिंदे गुट को एक राज्यमंत्री पद ही मिल सका है। उन्होनें कहा कि एनसीपी अजीत पवार

गुट को सिर्फ राज्यमंत्री पद का आफर दिया गया है। उन्होने चुटकी ली कि जेडीयू को महत्वहीन विभाग मिलने से शपथ ग्रहण के समय नितीश कुमार का चेहरा खुद कहानी बयां कर रहा था। बकौल प्रमोद तिवारी तेलगूदेशम, शिवसेना शिंदे, एनसीपी, जेडीयू जैसे सहयोगी दलों को महत्वहीन विभाग देकर भाजपा ने इन दलों को उनकी वास्तविकता बता दी है। वहीं उन्होने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

द्वारा मणिपुर में एक साल से ज्यादा जारी हिंसा को लेकर चिन्ता जताए जाने को मोदी सरकार का बड़ा प्रश्नचिन्ह करार दिया है। उन्होनें कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर की यात्रा करनी चाहिए और वहां उत्पन्न हिंसा को रोकने के लिए हर सम्भव कदम उठाने चाहिए। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि पूर्वोत्तर के अति संवेदनशील और अर्न्तराष्ट्रीय सीमा के इस राज्य मणिपुर में एक साल से गंभीर

हिंसक संकट की स्थिति बनी हुई है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि संपूर्ण विपक्ष संसद में मणिपुर के संदर्भ में चर्चा करना चाहता था और अपनी चिन्ता भी जाहिर की। उन्होनें कहा कि इसके बावजूद मोदी सरकार ने पूरे विपक्ष की मांग अनदेखी की। उन्होनें मोदी सरकार पर अर्न्तराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा करने में भी गैरजबाबदेह होने का कडा हमला बोलते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में

अमन तथा चैन कायम करने के लिए सरकार को हर संभव कड़े प्रयास अमल मे लाना चाहिए। मंगलवार को मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से यहां जारी बयान में राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि गलवान घाटी में देश के बीस जाबांज जवानो को सीमाओं की सुरक्षा में चीनी सैनिकों से लड़ते हुए शहादत देनी पड़ी थी। उन्होने कहा कि मोदी सरकार इस शहादत के बाद चीन को

माकूल जबाब नहीं दे सकी। इसके कारण देश एक बड़े भारतीय भूभाग पर गश्त के अधिकार को भी गवां देने की पीड़ा झेल रहा है। संसद सत्र में कांग्रेस और गठबंधन के सहयोगी मणिपुर की हिंसा तथा अर्न्तराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के मुददे को गंभीरता से उठायेगी।

AKHAND BHARAT NEWS

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