चिकित्सकों ने किया गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का परीक्षण

सीकर. चिकित्सा संस्थानों में सोमवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच की गई। वहीं गर्भवती महिलाओं की हिमोग्लोबिन, एचआईवी, सिफिलिस, ब्लड प्रेशर, तापमान की जांच, हृदय स्पंदन व प्रसव से संबंधित जटिलताओं की जांच कर चिकित्सकों ने उनको गर्भावस्था में रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। यह दिवस माह में अब तीन बार मनाया जाता है। विभाग की ओर से 9, 18 व 27 तारीख को भी चिकित्सा संस्थानों पर गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच की जाती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निर्मल सिंह ने बताया कि गर्भावस्था व प्रसव के दौरान जोखिम को कम करने के लिए सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है। इसके तहत सभी जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया।
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. छोटेलाल गढ़वाल ने बताया कि गर्भावस्था में महिला को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं को कम करने के लिए स्वास्थ्य का परीक्षण जरूरी है। गर्भवती को अपने स्वास्थ्य का दुगना ध्यान रखना चाहिए। उच्च रक्तचाप, दौरे पड़ना, हाथ पैर व चेहरे पर सूजन, त्वचा का पीलापन, तेज बुखार, भ्रूण का कम हिलना या न हिलना, तेज सर दर्द या धुंधला दिखाई देना ये सभी खतरे के लक्षण है। ऐसे जोखिम को कम करने तथा प्रसव के समय सही प्रबंधन के लिए गर्भवती की चार बार स्वास्थ्य जांच अनिवार्य है।