
केंद्रीय विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं की कमी, सीटों मे करनी पड़ रही है कटौती
नामांकन में गिरावट,शिक्षकों का हो रहा तबादला
झारसुगुडा रेलवे कर्मचारियों के बच्चों के लिए रेलवे की जमीन पर 1987 में स्थापित झारसुगुडा केंद्रय विद्यालय आपर्याप्त बुनियादी ढांचे और फंडीग के कारण चुनौतियों का सामना कर रहा है. बढ़ती मांग के बावजूद स्कूल को नए छात्रों के लिए उपलब्ध सीटो की संख्या कम करनी पड़ रही है जिसे नामांकन ने गिरावट आई है और शिक्षकों को दूसरे दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित किया जा करना पड़ रहा है प्रधानाचार्य हीरालाल प्रधान ने बताया कि सीटों में कमी मुख्य रूप से खराब बुनियादी ढांचे के कारण है शुरुआत में स्कूल प्रती कक्षा एक सेक्शन के साथ संचालित होता था रेलवे की 14.6 जमीन पर अपनी खुद ए 1श्रेणीकी इमारत बनाने के बाद, स्कूल ने पहली से बारवी तक के बच्चों के लिए 17 कछांओ का विस्तार किया , हालांकि कक्षाओं की कमी के कारण कच्छा 1 से 6 तक अब प्रत्येक में केवल एक से क्शन है जबकि पहले दो सेक्शन थे इसके परिणाम स्वरुप प्रतीकक्षा छात्रों की संख्या 80 से घट कर40 हो गई है , पर्याप्त कक्षाओं की कमी एक बढ़ती हुई चिंता है । यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है तो इस वर्ष 7के लिए भी इसी तरह सीटों में कटौती की उम्मीदहै स्थिति विशेष रूप से चिंता जनक क्योंकि देश भर मे केंद्र विद्यालय की संख्या में वृद्धि जारी है फिर भी झारसुगुडा के स्कूल में बुनियादी ढांचे के मुद्दों के कारण क्षमता में कमी आ रही है ।