बिना टैस्ट के मिल जाता है बदायूं एआरटीओ से लाइसेंस
बिना कार या बाइक के टेस्ट के एआरटीओ साहब के साइन से लाइनेस 1000 से ज़्यादा अप्रूव हो चुके है

बिना कार के बिना बाईक के कैसे बन गये लाइंसेंस या तो जादू है या फिर रिश्वत का खेल
एआटीओ दफ्तर बिना रिश्वत के चलता नाही एआरटीओ कभी रिश्वत ख़ुद नहीं लेता है
उसने अपने कुछ दलाल बिठा रखे
1800 ड्राइविंग लाइसेंसे की रिश्वत
1000 फ़िटनिस-
800- रिपोर्ट लगाई के रिपोर्ट वाले बाबू लेते है
जिन पर पहले भी आरोप लग चुका है मारे हुये व्यक्ति की बाईक दूसरे के नाम कराने का जिसको अंजाम सनी देता है
300 कार की सीन कराई –
रिनुवल -500 rupees सुभाष जो की प्राइवेट है वो जमा करता है रामबच्चन गुप्ता के लिए
नाम होता है जो बाहर बैठे फॉर्म को ऑनलाइन करते हैं वह लोग सिर्फ़ ऑनलाइनके ही पैसे लेते है
लेकिन छापा पड़ता है तो करवाई उन पर होती जबकि पुरा माल तो एआटीओ के पास जाता है
गवर्नमेंट ने फिटनेस की जगह दे रखी है लेकिन हाइवे 4लाइन और इतनी तादात मे वाहन लगाये जाते और पब्लिक जमा होती की तेज़ स्पीड मे वाहन आता हो तो कोई भी दुर्घटना का सिकार हो स्कता है
और बहा एक्सीडेंट भी हुए है कौन लेगा ज़िम्मेदारी कोई नहीं ले सकता क्यों की एआटीओ एक नेता के करीबी है बच जाते है
एक पत्रकार के करीबी है बच जाते और जेल जाते बाहर ऑनलाइन के लोग
पुलिस आती और चली जाती है कुछ मिलता ही नहीं क्यों किं जबतक कोई पकड़ा ना जाएगा तो कैसे एआरटीओ राम बच्चन के ख़िलाफ़ कैसे गवाही देगा