A2Z सभी खबर सभी जिले कीUncategorized

श्रीमद्भागवत कथा मे उमड़े भक्तों की भीड़

 

श्रीमद्भागवत कथा मे उमड़े भक्तों की भीड़

बिजयीपुर

विजयीपुर मांडर घाट पे हो रहे श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन अयोध्या से पधारे *कथा व्यास आचार्य पं देवानंद दुबे* जी ने कृष्ण और रुक्मिनी विवाह मे कथा मे वर्णन करते हुए व्यास जी ने कहा की भगवान कृष्ण
जब भी कृष्ण की पत्नियों की बात होती है तो कहा जाता है कि उनकी 16000 से ज्यादा रानियां थीं. असल में उन्होंने केवल 08 शादियां ही की थीं. कृष्ण ने प्रेम विवाह भी किए और राक्षस विवाह भी. जानिए उनकी रानियों के बारे में और साथ में संतानों के बारे में भी…

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कृष्ण की 16108 पत्नियों और उनके डेढ़ लाख से भी ज्यादा पुत्र थे. हालांकि ऐसा क्यों कहा जाता है, इसकी भी वजह है. पुराणों में उल्लेख है कि एक दानव भूमासुर ने अमर होने के लिए 16 हजार कन्याओं की बलि देने का निश्चय कर लिया था. श्री कृष्ण ने इन कन्याओं को कारावास से मुक्त कराया और उन्हें वापस घर भेज दिया. जब वो घर पहुंचीं तो परिवारवालों ने चरित्र के नाम पर उन्हें अपनाने से इनकार कर दिया. तब श्री कृष्ण ने 16 हजार रूपों में प्रकट होकर एक साथ उनसे विवाह रचाया था.असल में कृष्ण ने केवल 08 बार ही शादी थी. उनकी केवल 08 पत्नियां थीं. जिनके नाम रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था

महाभारत के अनुसार श्रीकृष्ण की सबसे बड़ी रानी रुक्मिणी थीं. उन्होंने उनका हरण कर उनके साथ विवाह रचाया था. इस विवाह को चूंकि उन्होंने अपहरण करने के बाद रचाया था, इसलिए भारतीय शास्त्रों के अनुसार इसे राक्षस विवाह भी कहा गया. विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मणि भगवान कृष्ण से प्रेम करती थी. उनसे विवाह करना चाहती थीं. रुक्मिणी के भाई ने उनका विवाह किसी और से तय कर दिया गया था, जब ये बात कृष्ण को पता चली तो उन्होंने बल पूर्वक रुक्मिणी का हरण कर लिया. द्वारका ले आये. यहां पर फिर कृष्ण-रुक्मिणी का विवाह हुआ और हजारो की भीड़ भक्तों की कथा मे उमड़ी रही!

AKHAND BHARAT NEWS

AKHAND BHARAT NEWS

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!