
प्लास्टिक प्रदूषण से पर्यावरण को नुकसान-शिवानी जैन एडवोकेट
आंल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि प्लास्टिक से भरे 2,000 कचरा ट्रकों के बराबर को दुनिया के महासागरों, नदियों और झीलों में फेंक दिया जाता है। प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है। हर साल 19-23 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा जलीय पारिस्थितिक तंत्र में लीक हो जाता है, जिससे झीलें, नदियाँ और समुद्र प्रदूषित हो जाते हैं।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि प्लास्टिक और पॉलीथीन के कारण पृथ्वी और जल के साथ-साथ वायु भी प्रदूषित होती जा रही है। हाल के दिनों में मीठे और खारे दोनों प्रकार के पानी में मौजूद जलीय जीवों में प्लास्टिक के केमिकल से होने वाले दुष्प्रभाव नज़र आने लगे हैं। इसके बावजूद प्लास्टिक और पॉलीथीन की बिक्री में कोई कमी नहीं आई है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं प्राचीन मानवाधिकार काउंसिल सदस्य डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, डॉ एच सी आरके जैन, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि
महासागर प्लास्टिक प्रदूषण बड़े पैमाने पर ‘कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरे’ के कारण होता है – इसका अभिप्राय यह है कि प्लास्टिक के कूड़े को एकत्र नहीं किया जाता है और रीसाइक्लिंग या भस्मीकरण द्वारा निपटाया नहीं जाता है, बल्कि इसे पर्यावरण में छोड़ दिया जाता है और साफ नहीं किया जाता है।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के बैग्स की जगह जूट या कपड़े का बना कैरी बैग का प्रयोग करने से प्लास्टिक का इस्तेमाल कम होगा, जो पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद होगा। जूट बैग या किसी कपड़े का बना कैरी बैग आप बार-बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ