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*मैनपुरी सीट पर शतरंज की बिसात की तरह शह और मात का चल रहा खेला। बसपा के प्रत्याशी के बदलते ही जातिगत समीकरण बिगड़े*

स्थान पर इटावा की भरथना विधानसभा सीट से विधायक रहे शिवप्रसाद यादव को अपना प्रत्याशी किया घोषित*

रिपोर्ट मनोज कुमार शर्मा 

जिला मैनपुरी 

 

*मैनपुरी सीट पर शतरंज की बिसात की तरह शह और मात का चल रहा खेला। बसपा के प्रत्याशी के बदलते ही जातिगत समीकरण बिगड़े*

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*बसपा ने मैनपुरी से डॉ गुलशनदेव शाक्य के स्थान पर इटावा की भरथना विधानसभा सीट से विधायक रहे शिवप्रसाद यादव को अपना प्रत्याशी किया घोषित*

मैनपुरी लोकसभा सीट से बीजेपी के जयवीर सिंह के नामांकन के बाद हुए उलट-फेर में बसपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया। बसपा ने मैनपुरी से डॉ गुलशनदेव शाक्य के स्थान पर इटावा की भरथना विधानसभा सीट से विधायक रहे शिवप्रसाद यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू डिम्पल यादव प्रत्याशी हैं और बीजेपी मैनपुरी पर पहली बार भगवा फहराने की कोशिश में है। सोमवार को नामांकन के बाद बीजेपी प्रत्याशी जयवीर सिंह ने नारा भी दिया कि “अभी नहीं तो कभी नहीं” मैनपुरी लोकसभा सीट पर चुनाव रोमांचक व दिलचस्प हो चुका है। सपा और भाजपा के बीच यँहा सीधी-सीधी लड़ाई है। बसपा प्रत्याशी शिवप्रसाद यादव सपा के यादव मतदाओं में कितनी सेंधमारी करेंगे यह तो समय ही बतायेगा पर बसपा से डॉ गुलशनदेव शाक्य की जगह शिवप्रसाद यादव को प्रत्याशी बनाने का दाँव उल्टा भी पड़ सकता है और शाक्य मतदाताओं का झुकाव सपा या बीजेपी की तरफ हो सकता है। फिलहाल जातियों को साधने के प्रयास में सपा,बसपा और बीजेपी लगी है।

मैनपुरी लोकसभा सीट से भाजपा के जयवीर सिंह चुनाव मैदान में हैं। अपने-अपने स्वार्थ साधने के लिए नेताओं की निष्ठाएं बदल रही हैं।मुलायम सिंह यादव के गुरु नत्थू सिंह यादव के पौत्र धीरज यादव भाजपा में शामिल हुए। धीरज यादव के भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्व एम एल सी सुभाष यादव ने एक ऑडियो संदेश जारी कर अपनी निष्ठा समाजवादी पार्टी के प्रति व्यक्त की और यह संदेश देने का प्रयास किया कि वह हमेशा सैफई परिवार के प्रति निष्ठा रखेंगे। मैनपुरी में उठा-पटक का यह दौर जारी रहेगा। सपा को इस बार अपने मजबूत गढ़ को ढहने से बचाना है,वंही बीजेपी हर हाल में सपा के इस मजबूत गढ़ को गिरा कर इस पर भगवा फहराना चाहती है। आम मतदाता की चुप्पी इस बार क्या कमाल दिखायेगी यह तो 4 जून को पता चलेगा,पर मैनपुरी सीट पर शतरंज की बिसात की तरह शह और मात का खेल चलता रहेगा..पता नहीं कौन सा मोहरा राजा को मात दे दे….मैनपुरी में बसपा का प्रत्याशी बदलने का दांव भी पैदल से राजा को मात देने की चाल ही माना जा रहा है।

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